साइबर धोखाधड़ी का नया तरीका? 'हाथी-समाचार' के WhatsApp ग्रुप में लिंक भेजकर मोबाइल हैक करने का आरोप

एक अज्ञात नंबर से ग्रुप में एक राष्ट्रीयकृत बैंक का लिंक भेजा गया। वहां क्लिक करने पर एक ऐप मोबाइल में इंस्टॉल करने को कहा जा रहा है। उसे इंस्टॉल करते ही मोबाइल हैक होने का आरोप लगाया जा रहा है।

By Debarghya Bhattacharya, Posted By : Moumita Bhattacharya

Oct 12, 2025 14:14 IST

बुद्धदेव बेरा, झाड़ग्राम

हाथी की उपस्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए ग्रामीणों ने झाड़ग्राम में एक WhatsApp ग्रुप बनाया था जिसमें वन विभाग के कर्मचारी भी थे। पिछले करीब सात सालों से यह ग्रुप चल रहा था। हाल ही में एक अज्ञात नंबर से इस ग्रुप में एक राष्ट्रीयकृत बैंक का लिंक भेजा गया। वहां क्लिक करने पर एक ऐप मोबाइल में इंस्टॉल करने को कहा जा रहा है। उसे इंस्टॉल करते ही मोबाइल हैक होने का आरोप लगाया जा रहा है। WhatsApp ग्रुप के एडमिन का आरोप है कि WhatsApp पर बने इस ग्रुप से लेकर रुपए-पैसों के लेन-देन में UPI तक हैकर्स सभी एप्लिकेशन को नियंत्रित कर रहे हैं।

एक WhatsApp ग्रुप 'मानिकपाड़ा वनविभाग हाथी खबर अपडेट 2' के एडमिन प्रवीर महातो का कहना है कि कुछ दिनों से एक राष्ट्रीयकृत बैंक के एप्लिकेशन का लिंक फैलाया जा रहा है। जो भी लिंक पर क्लिक कर ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं, उनका मोबाइल हैक हो जा रहा है। इस बात की जानकारी मिलते ही हमने ग्रुप में एप्लिकेशन लिंक आने पर उसे तुरंत डिलीट करना शुरू कर दिया है। जो लोग इस तरह के लिंक भेज रहे हैं, उन्हें भी ग्रुप से हटा भी दिया जा रहा है।

लेकिन सवाल उठा है, हैकर्स को इस ग्रुप में किसने जोड़ा? जो लोग लिंक भेज रहे हैं, ग्रुप एडमिन के पास तो उनकी पहचान उजागर हो रही है। फिर पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज की गई? प्रवीर का जवाब है, 'सभी ग्रुप के एडमिन्स के साथ बात करने के बाद ही कानूनी कार्रवाई के संबंध में फैसला लिया जाएगा।'

झाड़ग्राम ब्लॉक की शालबनी ग्राम पंचायत के शालबनी के निवासी श्यामसुंदर महातो हाथियों के कई WhatsApp ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं। कुछ ग्रुप्स के एडमिन भी हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले एक राष्ट्रीयकृत बैंक के ग्रुप में मुझे जोड़ा गया था। कुछ समय बाद देखा कि वहां हाथी की स्थिति का अपडेट आ रहा है।

ध्यान से देखने पर समझ में आया कि हाथी ग्रुप की प्रोफाइल पिक्चर हटाकर राष्ट्रीयकृत बैंक की तस्वीर लगाई गई है। कुछ साइबर धोखेबाज नकली ऐप WhatsApp ग्रुप में फैलाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिए कई लोग WhatsApp ग्रुप बंद कर दे रहे हैं।

श्यामसुंदर ने हताश होकर कहा कि अगर WhatsApp ग्रुप्स बंद हो गए तो क्षेत्र के लोगों को हाथियों की उपस्थिति और उनकी स्थिति के बारे में कोई अपडेट नहीं मिलेगा। इससे हाथी के हमले में लोगों की मौत और फसल के नुकसान की संभावना बढ़ जाएगी।

वन विभाग भी इस बात को सही नहीं मान रहा है। झाड़ग्राम वन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि एलिफेंट ट्रैकर्स टीम के कई सदस्य हाथी संबंधी कई ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं। ग्रुप्स से हाथी की स्थिति के बारे में वे कई जानकारी इकट्ठी करते हैं। हाथी की गतिविधि पर नजर रखने और आम लोगों को सुरक्षा देने में हमें सुविधा होती है। यह ग्रुप बंद होने से समस्या बढ़ेगी।

झाड़ग्राम जिला साइबर क्राइम के अधिकारी WhatsApp के माध्यम से आने वाले किसी भी ऐप के लिंक को खोलने या डाउनलोड करने से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। इस बारे में DSP (D & T) सब्यसाची घोष का कहना है कि अज्ञात व अनजान माध्यम से आने वाले किसी भी लिंक को खोलना या डाउनलोड करना उचित नहीं है।

इससे धोखा होने की संभावना बढ़ जाती है। मोबाइल में मौजूद सभी जानकारी सहित बैंक बैलेंस पल भर में धोखेबाज हथिया सकते हैं। हमेशा गूगल प्ले स्टोर से Google Verified ऐप ही डाउनलोड करना चाहिए। WhatsApp पर आने वाले किसी भी लिंक से बचकर रहने से साइबर धोखाधड़ी से खुद को सुरक्षित रखना संभव है।

उनकी सलाह है, 'अज्ञात नंबर से WhatsApp ग्रुप में आए किसी लिंक पर न तो क्लिक करें और न ही ऐप डाउनलोड करें। इसे लेकर हम बीच-बीच में जागरूक करते रहते हैं। फिर भी कई बार लोग भूलवश साइबर धोखेबाजों के जाल में फंस जाते हैं। हाथी के WhatsApp ग्रुप का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। लेकिन शिकायत मिलने पर जांच करके देखा जाएगा।'

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