रात साढ़े 12 बजे छात्र बाहर कैसे निकले? सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने उठाया सवाल

कॉलेज प्रबंधन पर सवाल भी उठाया कि जंगल के पास कॉलेज है। ऐसे में देर रात को छात्र कॉलेज परिसर से बाहर कैसे गए? - ममता बनर्जी

By Moumita Bhattacharya

Oct 12, 2025 15:49 IST

दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज में जो घटा है, वह निंदनीय है। इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपने उत्तर बंगाल सफर से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही। साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर सवाल भी उठाया कि जंगल के पास कॉलेज है। ऐसे में देर रात को छात्र कॉलेज परिसर से बाहर कैसे गए?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर निजी मेडिकल कॉलेज की भी एक जिम्मेदारी बनती है। पुलिस तो हर घर में जाकर बैठी नहीं रहेगी। जो घटा है वह अत्यंत निंदनीय है। लेकिन रात को 12.30 बजे कोई बाहर निकला। वे बाहर जा भी सकते हैं, यह उनका अधिकार है। लेकिन हॉस्टल का तो एक नियम-कायदा है। मैंने पुलिस से कहा है कि इस मामले में कठोर कदम उठाए। कोई भी अपराधी को बख्शा नहीं जाए।'

शुक्रवार की रात को दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप सामने आया है। बताया जाता है कि पीड़िता एमबीबीएस की दूसरे वर्ष की छात्रा है। एक सहपाठी के साथ वह कॉलेज परिसर से बाहर गयी थी। बताया जाता है कि यह कॉलेज एकदम सुनसान जगह पर मौजूद है। सड़क के दोनों किनारों पर जंगल है। आरोप है कि कुछ लोग छात्रा को जंगल में खींच कर ले गए और वहां उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।

घटना की जांच कर रही पुलिस ने अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि कुछ जगहों पर गिरफ्तार होने वाले आरोपियों की संख्या 4 भी बतायी जा रही है। इसके साथ ही पीड़िता छात्रा अपने जिस सहपाठी के साथ कॉलेज परिसर से बाहर आयी थी, वह भी पुलिस की रडार पर है। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की है। जांच अधिकारियों का मानना है कि सहपाठी की भूमिका संदेहास्पद लग रही है।

दुर्गापुर की घटना की तीव्र निंदा करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा में अगर महिलाओं पर अत्याचार होता है, तो वहां क्या कदम उठाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो अत्याचार की शिकार होती हैं, कोर्ट जाने से पहले उन्हें रास्ते में ही जलाकर मार डाला जाता है। पत्रकारों को नग्न करके जेल में रखा जाता है। हम इस तरह की किसी भी घटना का समर्थन नहीं करते हैं। इन सबको लेकर बंगाल में ज़ीरो टॉलरेंस है। उन्होंने आगे कहा, 'दूसरे राज्यों से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। उनसे अनुरोध है कि वे रात के समय बाहर न निकले। उनकी सुरक्षा को प्रबंधन को सुनिश्चित करनी होगी।'

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