ट्रेन से उतरकर तीन नाबालिग स्टेशन परिसर में ही घूम रहे थे। इसे देखकर आरपीएफ (RPF) को संदेह हुआ। आरपीएफ के जवानों ने उन तीनों से बात की। लेकिन तीनों बात को लगातार टालते रहे। आखिरकार आरपीएफ के जवानों ने उन्हें शालीमार स्टेशन पर ही पकड़कर पूछताछ शुरू की। मंगलवार को आरपीएफ ने तीनों नाबालिगों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया।
आरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीनों का घर मुर्शिदाबाद है। तीनों की उम्र 14 से 16 वर्ष के बीच है। उनके पास ट्रेन का टिकट भी नहीं था। पूछताछ में उन्होंने बताया कि तीनों ओडिशा में काम की तलाश के लिए घर से निकले थे। शालीमार पहुंचने के बाद वे ओडिशा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी पकड़े गए। कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए चाइल्ड लाइन की ओर से उन्हें उनके परिवार के हवाले कर दिया जाएगा।
दूसरी ओर, आरपीएफ की ओर से बताया गया कि इसी दिन मेचेदा स्टेशन से बरामद एक महिला का मोबाइल, वंदे भारत ट्रेन से बरामद लैपटॉप और ओडिशा के बारीपड़ा से बरामद पर्स भी संबंधित व्यक्तियों के हवाले कर दिया गया है। RPF ने बताया कि मेचेदा स्टेशन पर एक मोबाइल लावारिस पड़ा हुआ देखकर माइक पर इसकी घोषणा की गई।
तब हैदराबाद से आई एक सत्तर वर्षीया महिला ने इसे अपना मोबाइल बताया। उपयुक्त सबूत दिखाने के बाद मोबाइल उन्हें वापस कर दिया गया। दूसरी ओर, 'रेलमदद ऐप' पर एक शिकायत आई कि 20872 वंदे भारत एक्सप्रेस के सी कोच की 35 नंबर सीट के यात्री ने एक लैपटॉप छोड़कर उतर गया है। टिकियापाड़ा में खाली ट्रेन से इसे रेलकर्मियों ने बरामद किया।