कांथी महकमा अस्पताल की महिला डॉक्टर शालिनी दास की अस्वभाविक मौत के मामले में 2 सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया गया है। दमदम निवासी शालिनी काम के सिलसिले में अपनी मां के साथ तमलुक में रहती थी। पेशे से वह एक एनस्थेसिस्ट थी। कई निजी अस्पतालों व अस्पतालों के साथ वह जुड़ी हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को एक नर्सिंग होम का काम खत्म कर घर लौटने के बाद वह अचानक बीमार पड़ गयी।
आनन-फानन में अस्पताल तो लाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। इस बारे में शालिनी की मां का दावा है कि शुक्रवार को उनकी बेटी घर लौटने के बाद उन्होंने देखा कि बेटी के हाथ में चैनल बनाया हुआ है। उनका दावा है कि शालिनी जब घर से निकली थी, तब उसके हाथों में वह चैनल नहीं था। इस वजह से शालिनी की मौत का मामला काफी रहस्यमय होता जा रहा है।
दो सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन
नंदीग्राम स्वास्थ्य जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी असीत कुमार दीवान ने बताया कि मौत के कारणों की जांच के लिए दो सदस्यीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है। उनका बताया कि डॉक्टरों का दावा है कि दिल का दौरा पड़ने से ही उनकी मौत हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। हमें उनकी मौत से आहत हैं। वहीं पुलिस की ओर से बताया गया है कि अस्वभाविक मौत का मामला दायर कर जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
मृतका की मां का आरोप
शालिनी पूर्व मेदिनीपुर के कांथी महकमा अस्पताल में कार्यरत थी। इससे पहले वह तमलुक अस्पताल में काम कर रही थी। तमलुक नगरनिगम के वार्ड नंबर 17 में वह अपनी मां के साथ रहती थी। तमलुक पुलिस सूत्रों से पता चला है कि शुक्रवार की सुबह 7 बजे वह अपने घर से नर्सिंग होम जाने के लिए निकली। सबसे पहले महिषादल की एक निजी नर्सिंग होम में गयी। वहां से तमलुक के एक अन्य निजी नर्सिंग होम गयी। इसके बाद दिन में 11 बजे घर लौटी। उनकी मां का आरोप है कि शालिनी के हाथों में चैनल बनाया हुआ था। इसके बाद ही वह बीमार पपड़ गयी। अस्पताल ले जाने पर शालिनी की मृत्यु हो गयी।