दुर्गा पूजा के बाद ही सिंचाई विभाग ने घाटाल मास्टरप्लान के दूसरे चरण का काम शुरू कर दिया है। इस सप्ताह के शुरुआत (सोमवार) से ही घाटाल-दासपुर के कई इलाकों में शिलावती, कंसावती नदी पर सर्किट बांधों का निरीक्षण करके ब्लू प्रिंट तैयार करने का काम शुरू हुआ है। हालांकि, सिंचाई विभाग की प्रस्तावित नई DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के अनुसार घाटाल शहर में रिटेनिंग वॉल बनाने के बजाय ड्वार्फ बांध बनेगा! इस फैसले से नदी किनारे रहने वाले स्थानीय लोग काफी खुश हैं।
शिलावती नदी में बाढ़ के कारण घाटाल शहर को बचाने के लिए मास्टरप्लान के पहले चरण में सिंचाई विभाग ने रिटेनिंग वॉल बनाने का फैसला लिया था। नदी किनारे कंक्रीट से बनी यह दीवार बगल से आने वाली मिट्टी या अन्य पदार्थों के दबाव को रोकती है। इसके लिए सिंचाई विभाग ने घाटाल शहर में शिलावती नदी के पश्चिमी किनारे पर चार किलोमीटर रिटेनिंग वॉल बनाने के लिए नदी बांध के साथ लगभग दो सौ फुट जमीन अधिग्रहण करने की भी घोषणा की थी।
इस वजह से घाटाल शहर के कई लोगों में जमीन और घर खोने की आशंका बढ़ने लगी थी। शहर के विभिन्न वार्डों में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया था। स्थानीय निवासियों का तर्क था कि रिटेनिंग वॉल बनने से घाटाल शहर के कई लोगों के घर तोड़ने होंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर 5 अक्टूबर को घाटाल महकमा शासक के कार्यालय में हुई बैठक में सिंचाई मंत्री मानसरंजन भूंइया ने बताया कि जमीन और घरों को यथासंभव नुकसान से बचाकर मास्टरप्लान को लागू करना होगा। सिंचाई मंत्री के निर्देश के बाद ही 6 अक्टूबर से विभिन्न नदी बांधों के फील्ड वेरिफिकेशन का काम शुरू हुआ।
गुरुवार को घाटाल मास्टरप्लान के एक प्रतिनिधि दल ने घाटाल शहर के पश्चिमी नदी बांध पर लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलकर इलाके का निरीक्षण किया। इसके बाद लगभग 20 किलोमीटर लंबा ड्वार्फ बांध बनाने का फैसला लिया गया। सिंचाई विभाग के अधिकारी उज्ज्वल माखाल का कहना है कि मौजूदा नदी बांध के ऊपर 4-5 फुट ऊंचा कंक्रीट का बांध बनेगा। इसके लिए जमीन की जरूरत पहले से काफी कम होगी।