राज्य में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की है। बीएलओ को निर्दिष्ट दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। वोटर लिस्ट संशोधन से पहले आयोग ने प्राथमिक काम शुरू कर दिया है। लेकिन उत्तर 24 परगना के अशोकनगर के विधायक नारायण गोस्वामी ने बीएलओ की वैधता पर ही सवाल उठाए हैं।
गुरुवार को अशोकनगर में जगद्धात्री पूजा के उद्घाटन में तृणमूल विधायक मौजूद थे। वहीं मीडिया से बातचीत में नारायण गोस्वामी ने कहा कि एसआईआर के लिए बीएलओ पर दबाव बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर भी उन पर दबाव बढ़ेगा। आयोग बीएलओ को सुरक्षा नहीं दे पाएगा। कई बीएलओ तो ऐसे हैं, जिनके पास खुद का जन्म प्रमाणपत्र नहीं है।
उनका दावा है कि राज्य के कई बीएलओ के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है। उनके माता-पिता के पास भी जन्म प्रमाणपत्र नहीं है। ऐसे में उनका नाम वोटर सूची में कैसे रहेगा? उन्होंने सवाल उठाया। विधायक का दावा है कि जो बीएलओ एसआईआर के लिए जनता से दस्तावेज मांगेंगे, घर-घर फॉर्म लेकर जाएंगे, उनमें से कई के पास खुद के दस्तावेज नहीं हैं।
नारायण का कहना है कि बीएलओ कह रहा है कि उसके और उसके पिता के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है जबकि वह स्कूल का प्राइमरी टीचर है। ऐसी शिकायतें मेरे पास कम से कम 10 हैं। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग के प्रतिनिधि बनकर जो बीएलओ फैसला करेगा कि कौन मतदाता वैध है- कौन अवैध, वह तो खुद ही अवैध है।
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर वह राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत करेंगे। उल्लेखनीय है कि अशोकनगर क्षेत्र में भी बहुत से शरणार्थी रहते हैं। नारायण का दावा है कि अशोकनगर में बहुत से शरणार्थी लोग रहते हैं। इसे कई लोग शरणार्थी नगरी कहते हैं। बहुत से लोगों के पास इस तरह के दस्तावेज नहीं हैं। लंबे समय से यहां रह रहे हैं, वे कहां जाएंगे?