प्रेसिडेंसी जेल में बैठकर बनायी गयी थी डकैती की योजना, वराहनगर लुट-हत्याकांड मामले में 2 गिरफ्तार

गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों के पास से डकैती के कई भरी सोने के गहने बरामद हुए हैं। सोमवार को गिरफ्तार दोनों को बैरकपुर अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने उन्हें 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।

By Ayantika Saha, Posted By : Moumita Bhattacharya

Oct 07, 2025 14:59 IST

समाचार एई समय, वराहनगर : वराहनगर में सोने की दुकान में डकैती और मालिक की हत्या के मामले में बिहार कनेक्शन सामने आया है। सोमवार को पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन बिहार से आए अपराधियों में से किसी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

जानकारी के अनुसार पूरी योजना प्रेसिडेंसी जेल से ही बनाई गई थी! बताया जाता है कि जेल में बंद बिहार के एक कुख्यात अपराधी की योजना के आधार पर ही अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले दमदम के नए अपराधी ने इस घटना को अंजाम दिया था। वह और उसका एक साथी पुलिस की जाल में फंस चुके हैं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार लोगों के नाम संजय माइती और सुरजीत सिकदार हैं। संजय का घर दमदम 30A बस स्टैंड के पास बेदियापाड़ा में है। रविवार की देर रात न्यू टाउन के एक गुप्त ठिकाने से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। सुरजीत को उसके नागेरबाजार स्थित घर से ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों के पास से डकैती के कई भरी सोने के गहने बरामद हुए हैं। सोमवार को गिरफ्तार दोनों को बैरकपुर अदालत में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने उन्हें 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।

पुलिस जांच में पता चला है कि डकैती और हत्याकांड का मास्टरमाइंड संजय (35) ही था। प्रेसिडेंसी जेल में बैठकर उसकी मदद बिहार के जमुई के रहने वाले एक कुख्यात अपराधी ने की थी। आपराधिक षड्यंत्र के मामले में पिछले साल गिरफ्तार होकर संजय तीन महीने तक प्रेसिडेंसी जेल में बंद था। दूसरी ओर, अमहर्स्ट स्ट्रीट थाना क्षेत्र में एक हत्याकांड में गिरफ्तार होकर बिहार का वह अपराधी भी उसी जेल में बंद था। वहीं संजय की उससे मुलाकात हुई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जेल में बंद रहने के दौरान उस अपराधी ने संजय को चोरी, छीनाझपटी, डकैती और उसके गिरोह के लिए कई अपराधिक कार्यों का प्रस्ताव दिया था। कुछ योजनाएं संजय को पसंद आईं। जेल से बाहर आने के बाद भी वह बिहार के उस अपराधी से नियमित संपर्क में था। संजय ने कुछ योजनाएं बनाईं, लेकिन वे सफल नहीं हुईं।

वराहनगर के शंभुनाथ दास लेन के पास मौजूद बेदियापाड़ा में घर होने के कारण संजय का उस इलाके में नित्य आना-जाना था। इसी कारण उसकी नजर सोनापट्टी की दुकानों पर पड़ी। उसने गौर किया कि दूसरी दुकानों और कारखानों में मालिक और कर्मचारी रहते हैं, लेकिन केवल बुजुर्ग शंकर जाना ही अपनी दुकान पर अकेले होते हैं। इसलिए उसने उनकी दुकान को ही निशाना बनाने और वहां डकैती की योजना बनायी।

पिछले 23 और 24 सितंबर को संजय ने कई बार रेकी भी की। योजना के अनुसार बिहार के उस अपराधी के माध्यम से बिहार से 4 लोग आए। दो-तीन लोगों को संजय ने इकट्ठा किया। योजना थी कि वे उस बुजुर्ग दुकानदार के हाथ-पैर बांधकर दुकान से सोना लूटकर भाग जाएंगे। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि संजय के कहने पर गिरफ्तार सुरजीत दूर बाइक रखकर पैदल चलकर ग्राहक बनकर शंकर की दुकान में घुसा था।

दुकानदार को शक न हो इसलिए वह एक लाख रुपये नकद भी लेकर गया था। उसके पीछे कुछ मिनट बाद एक-एक करके बाकी अपराधी घुसे, लेकिन संजय बाइक के पास ही खड़ा रहा। डकैती में बाधा मिलने पर अपराधियों ने शंकर के सिर पर सोना काटने के लोहे के औजार से हमला कर उनकी हत्या कर दी। अपराधी दो हिस्सों में बंटकर दो दिशाओं में भाग निकले। सुरजीत संजय को बाइक पर बैठाकर भागा।

बैरकपुर के पुलिस आयुक्त मुरलीधर शर्मा ने कहा, 'गिरफ्तार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अपराधियों की संख्या 7-8 थी। बाकी लोगों की तलाश जारी है। जल्द ही इस आपराधिक घटना का पूरा समाधान कर लिया जाएगा।'

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