SIR के खिलाफ सांसद ममता बाला के अनुवायी मतुआ समाज का अनशन शुरू हो गया। बुधवार से उत्तर 24 परगना जिले ते बनगांव स्थित ठाकुरनगर के ठाकुरबाड़ी में अनशन शुरू हुआ। समाज के एक वर्ग का दावा है कि इस दिन अनशन का बिना शर्त नागरिकता की मांग को लेकर किया गया।
समाज का दावा है कि 2024 तक जो लोग बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जानी चाहिए। जिन 11 दस्तानेजों की बात की जा रही है, वे कागजात कइयों के पास नहीं हैं। यही वजह है कि SIR की प्रक्रिया के खिलाफ यह अनशन जारी रहेगा।
स्थानीय सांसद ममता बाला ने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि 2024 तक भारत में स्थायी रूप से रहने वाले मतुआ समाज समेत विभाजन के शिकार विस्थापित लोगों को नए कानून बनाकर बिना शर्त नागरिकता दी जानी चाहिए। विस्थापित लोगों के वोट देने के अधिकार को रद्द करने की साजिश के विरोध में ठाकुरनगर के ठाकुरबाड़ी में साधु, गोसाई और मतुआ भक्तों का अनशन आज से शुरू हो गया है।
अनशन की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि ये सभी बेकार का ड्रामा चल रहा है। कोई अनशन नहीं चल रही है। यह एक राजनीतिक कार्यक्रम है। बांग्लादेशी मतदाता, रोहिंग्या, मृतक मतदाताओं का अस्तित्व संकट में है। वे वहाँ अनशन के नाम पर ड्रामा कर रहे हैं।