साले की अय्यासी भरी जिंदगी से नाखुश जीजा ने साले को मौत के घाट उतार दिया। यह सनसनीखेज वारदात दक्षिण 24 परगना जिले के बारूईपुर थाना क्षेत्र के बेगमपुर में हुई। पुलिस ने आरोपी जीजा समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना को लेकर इलाके में सनसनी फैली हुई है। वारदात को अंजाम दुर्गापूजा की एकादशी को दिया गया था लेकिन 9 दिनों के बाद सभी आरोपियों को दबोचा गया। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को बेगमपुर की कॉलोनी की सुनसान जगह से शांता मंडल नाम के एक युवक की लाश बरामद हुई थी।
मृतक की गला रेतकर हत्या की गई थी। रहस्य से पर्दा उठाने के लिए पुलिस जांच शुरु कर दी। जांच के बाद जब पुलिस को सच का पता चला तो पुलिस भी चौंक गयी। क्योंकि जांच के दौरान मृतक के परिवार वालों को किसी पर कोई संदेह नहीं था। जांच के बाद पता चला कि कातिल कोई और नहीं बल्कि शांता का जीजा देवब्रत पात्र ही है। पुलिस ने 9 दिनों की जांच के बाद देवब्रत और उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार शांता की दौलत, उसकी मौज-मस्ती और अय्यासी भरी जिंदगी से देवब्रत को ऐतराज था। ऐसा कहा जाता है कि जीजा को साले की अय्यासी से ईर्ष्या होती थी। जिसकी वजह से उसने साले का ही काम तमाम कर दिया। सूत्रों के अनुसार दुर्गापूजा की एकादशी के दिन साले की हत्या के लिए देवब्रत अपने साथ मिनाजुल पाइक, जसीमुद्दीन लस्कर और हफीजुल मोल्ला को साथ लिया और अपने साले शांता को बुला लिया।
जहां सभी ने शराब पी, खाना खाया और उसके बाद शांता का गला रेत दिया। वारदात को अंजाम देकर सभी वहां से निकल गये। पुलिस को उसी दौरान लाश मिली। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की पड़ताल शुरू कर दी गयी थी। जब रहस्य से पर्दा उठा तो इलाके में सनसनी फैल गयी।