SIR का खौफ! वोटर लिस्ट में नाम न कट जाए, इस डर से वापस लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर

हर साल चुनाव से पहले जिस तरह इन्हें राज्य में वापस लाया जाता है, ठीक उसी तरीके से इस बार 'SIR' की घोषणा होते ही तृणमूल उन्हें वापस लाने की तैयारियां कर रही है।

By अयंतिका साहा, Posted By : मौमिता भट्टाचार्य

Nov 02, 2025 17:21 IST

समाचार एई समय, कूचबिहार : इस महीने की चार तारीख से राज्य में विशेष गहन संशोधन या 'SIR' के शुरू होने की घोषणा चुनाव आयोग ने कुछ समय पहले ही कर दी है। पूरे राज्य में इसे लेकर सारी तैयारियां भी की जा चुकी हैं। SIR को लेकर राजनीतिक पारा भी चढ़ता जा रहा है। इसी बीच वोटर लिस्ट से कहीं नाम न कट जाए, इस डर से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

मिली जानकारी के अनुसार उन्हें घर वापस लाने में तृणमूल कांग्रेस सक्रिय भूमिका निभा रही है। कूचबिहार के लगभग चार से पांच लाख प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में काम करते हैं। ये लोग तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा हैं। हर साल चुनाव से पहले जिस तरह इन्हें राज्य में वापस लाया जाता है, ठीक उसी तरीके से इस बार 'SIR' की घोषणा होते ही तृणमूल उन्हें वापस लाने की तैयारियां कर रही है।

बताया जाता है कि इसके लिए पहले से ही प्रत्येक बूथ पर राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी ने कमेटियों का गठन करवाया है। सूत्रों की मानें तो प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने के लिए आर्थिक मदद करने का फैसला भी पार्टी स्तर पर लिया गया है। हालांकि इस बारे में खुलकर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। न्यू कूचबिहार स्टेशन पर पूर्व और दक्षिण भारत से आने वाली ट्रेनों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने शहर वापस लौटते हुए भी देखा जा रहा है। इनमें से बड़ी संख्या में प्रवासी खुद से ही वापस लौट रहे हैं।

कूचबिहार के सांसद जगदीशचंद्र बर्माबसुनिया का कहना है कि जो लोग दूसरे राज्यों में काम करते हैं उनके परिवार और रिश्तेदारों से संपर्क किया जा रहा है। सभी को 10 तारीख तक कूचबिहार वापस आने के लिए कहा जा रहा है। हर बूथ पर बूथ लेवल एजेंट, बूथ अध्यक्ष और पार्टी के पंचायत सदस्य इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।

प्रवासियों के आने-जाने का खर्च तृणमूल कांग्रेस की तरफ से दिया जाएगा या नहीं, इस सवाल के जवाब में सांसद का कहना है कि अगर किसी को कोई समस्या आती है तो तब की तब देखी जाएगी। न्यू कूचबिहार स्टेशन पर उतरे गितालदह के बैरुल शेख और अजहर अली का कहना है कि अचानक घर वापस आना पड़ा है। इस समय आने की बात नहीं थी। लेकिन सुन रहे हैं कि कुछ कागजात पर साइन करना होगा। इसलिए आना पड़ा। काम छोड़कर अतिरिक्त रुपए खर्च करके घर लौटे हैं।

सिर्फ इन दो परिवारों के सदस्य ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर कुचबिहार वापस लौट रहे हैं। अब तक जहां देखा जाता था कि चुनाव के समय दूसरे राज्यों में काम करने गए प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों का रुख करते थे लेकिन अब SIR के डर से उन्हें बेवक्त ही घर लौटना पड़ रहा है।

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