उत्तर बंगाल के दौरे पर पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तरकन्या में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जिसमें उन्होंने SIR का कड़ा विरोध किया। सोमवार को मुख्यमंत्री ने SIR की तुलना नोटबंदी से की। उन्होंने कहा कि मात्र 2 महीने के अंदर SIR को सफलतापूर्वक पूरा करना व्यावहारिक रूप से असंभव है।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के जरिए आम आदमी पर जो दबाव बनाया गया था, वही SIR के जरिए भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस तरह व्यस्त रखा जा रहा है कि वे तीन महीने तक काम ही न कर पाएं। यह एक सुपर इमरजेंसी है।
ममता बनर्जी ने SIR को बंद करने की मांग की। उनका आरोप है कि आम लोगों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। राज्य में SIR शुरू होने के बाद से कई लोगों की मौत के आरोप लग चुके हैं। परिवारों का दावा है कि SIR की घोषणा के बाद से ही वे विभिन्न कारणों से चिंतित रहते थे। इसी वजह से ये मौतें हुईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में इन मौतों का मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में इतने लोगों की मौत SIR की वजह से होने के बावजूद कोई शोक संदेश तक नहीं भेजा गया है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला था। सोमवार को एक बार फिर से ममता बनर्जी ने उसी लहजे में हमला बोला। भाजपा बार-बार पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ का आरोप लगाती रही है। इसलिए ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को उठाया।
भाजपा शासित केंद्र सरकार पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि बंदूकें, आंतरिक सुरक्षा, सीमाएं, बीएसएफ, सीआरपीएफ सभी केंद्रीय गृह मंत्री के अधीन हैं। इसलिए घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि घुसपैठ की कहानी बनाकर झुठा प्रचार किया जा रहा है।