एक बार फिर से SIR की वजह से अप्राकृतिक मौत का आरोप सामने आया है। इस बार दक्षिण दिनाजपुर के कुमारगंज में 65 वर्षीय उस्मान मंडल का फंदे से लटकता हुआ शव बरामद किया गया है। आरोप है कि SIR को लेकर वह काफी डरे हुए थे। पर क्यों? सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वोटर कार्ड और वोटर लिस्ट में उनके नाम के साथ लिखा हुआ सरनेम अलग-अलग था। आरोप है कि इसी वजह से वह काफी डरे हुए थे और सोमवार की रात को उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतक के परिवार और तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि कुमारगंज थानांतर्गत रामकृष्ण ग्राम पंचायत के आगाछा इलाके के निवासी उस्मान मंडल SIR शुरू होने के बाद से ही काफी सहमे हुए थे। परिवार का आरोप है कि उस्मान ने रात में सबके सो जाने के बाद घर के बगल वाले बगीचे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकारी मंगलवार की सुबह मिली। घटना के बारे में जानकारी मिलते ही स्थानीय तृणमूल नेता उसी दिन घटनास्थल पर पहुंचे। मंगलवार सुबह कुमारगंज थाना की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए बालुरघाट जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
परिवार का आरोप है कि उस्मान नागरिकता प्रमाण पत्र को लेकर काफी समय से मानसिक तनाव में थे। बताया जाता है कि वोटर कार्ड और वोटर लिस्ट में उसके सरनेम की जगह 'मोल्ला' और 'मंडल' लिखा हुआ था। वह इस बात को लेकर ही काफी परेशान थे। वह बार-बार स्थानीय नेताओं के पास इस बारे में बात करने जाते थे। हालांकि उन्हें लगातार आश्वस्त किया जाता था लेकिन वह किसी पर भी भरोसा नहीं कर पा रहे थे। आखिरकार उन्होंने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया।
इस घटना को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक तनाव शुरू हो गया है। स्थानीय तृणमूल नेता निखिल सिंह का दावा है कि भाजपा को इस मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जवाब में भाजपा के जिला महासचिव बापी सरकार का दावा है कि तृणमूल हर मौत को SIR के डर के कारण की गयी आत्महत्या बता रही है। ज्यादातर मामलों में असली वजह अलग होती है। कुमारगंज थाना पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।