'SIR' का डर फैलाकर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का गोरखधंधा, चाचा-भतीजा गिरफ्तार

बिहार में 'SIR' की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जब पश्चिम बंगाल में भी इसकी तैयारियां शुरू हुई तभी से चाचा-भतीजे की सारी योजना बनानी शुरू कर दी।

By Ayantika Saha, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 10, 2025 17:52 IST

SIR की प्रक्रिया के शुरू होने के बाद एक सप्ताह का समय भी नहीं बीता है। इसी बीच मालदह के चांचल महकमा के रतुआ में नकली जन्म प्रमाणपत्र और स्कूल सर्टिफिकेट बनाने का फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। आरोप है कि यहां मोटी रकम लेकर विभिन्न स्कूलों और ग्राम पंचायतों की नकली मुहर लगाकर आम लोगों को नकली सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं।

विभिन्न सूत्रों से पुलिस को जानकारी मिलने के बाद शनिवार की रात को छापेमारी कर दो मुख्य षड्यंत्रकारियों को रतुआ थानांतर्गत सामसी चौकी की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों का नाम अब्दुल खालेक और शरीफ खान बताया जाता है जो रिश्ते में चाचा-भतीजे हैं। सामसी चौकी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चांदमणि-2 ग्राम पंचायत के आंधारू मोड़ इलाके में पिछले एक महीने से एक कंप्यूटर सेंटर की आड़ में यह रैकेट चल रहा था।

शनिवार रात पुलिस की छापेमारी की जानकारी मिलते ही आरोपियों ने सभी दस्तावेज हटाने की कोशिश की। नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में आरोपी बड़ंजा के विधायक जीवनकृष्ण साहा ने गिरफ्तारी से पहले जिस तरह तालाब में अपना मोबाइल फेंका था, उसी तरीके से चाचा-भतीजे ने नकली मुहर और कई कागजात नयानजुली में फेंक दिए। इसके बावजूद नहीं बच सकें।

पुलिस ने रात को ही सारा सामान बरामद कर लिया। चाचा-भतीजे को रंगे हाथों पकड़ते समय दुकान से एक लैपटॉप, मोबाइल फोन, प्रिंटर और यहां तक कि उंगलियों की छाप लेने वाली मशीन भी पुलिस ने जब्त की। इसके साथ ही कई स्कूलों की नकली मुहर, ग्राम पंचायतों की नकली मुहर, लेटरहेड भी बरामद किया।

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 'SIR' की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जब पश्चिम बंगाल में भी इसकी तैयारियां शुरू हुई तभी से चाचा-भतीजे की सारी योजना बनानी शुरू कर दी। उन्होंने पहले घूम-घूमकर पता लगाया कि ग्रामीणों के पास जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल सर्टिफिकेट है या नहीं। इलाके के बहुत से लोग प्रवासी मजदूर के रूप में दूसरे राज्यों में काम करते हैं। अधिकांश स्कूल छोड़ चुके हैं। बुजुर्ग ग्रामीणों में से कई के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है।

गिरफ्तार लोगों ने इसी बात का फायदा उठाया और लोगों को SIR के नाम पर डराना शुरू कर दिया। आरोप है कि किसी से डेढ़ हजार तो किसी से दो हजार रुपए लेकर दोनों चाचा-भतीजा फर्जी सर्टिफिकेट बना देते थे। गांव वाले ठीक से समझ भी नहीं पाए कि सर्टिफिकेट नकली हैं।

जानकारी के अनुसार पुलिस ने गिरफ्तार हुए लोगों से रतुआ के श्रीपुर हाईस्कूल, मिलनगढ़ हाई मदरसा, बाटना हाई मदरसा सहित स्थानीय कई स्कूलों की नकली मुहर बरामद की है। इसके साथ ही सामसी, चांदमणि सहित कई ग्राम पंचायतों की नकली सीलमोहर भी मिली है। बाटना हाई मदरसा के प्रधान शिक्षक मुशर्रफ हुसैन यह जानने के बाद हैरान रह गए। शरीफ चांदमणि-2 ग्राम पंचायत की तृणमूल प्रधान असफातुर रहमान का निकट रिश्तेदार है। इसको लेकर भाजपा के जिला महासचिव अभिषेक सिंघानिया ने तृणमूल पर हमला बोला।

हालांकि इस बारे में असफातुर ने कोई टिप्पणी नहीं की। मालदह के पुलिस अधीक्षक प्रदीपकुमार यादव ने बताया कि इस घटना में और कोई शामिल है या नहीं इसकी जांच की जा रही है।

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