समाचार ऐई समय : दार्जिलिंग के महाकाल मंदिर में अब स्कर्ट, शॉर्ट्स पहनकर महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकेंगी। मंदिर कमेटी की ओर से इस बाबत एक विज्ञप्ति जारी की गयी है। मंदिर कमेटी द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद से ही कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हर किसी के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बन गयी कि मंदिर कमेटी को महिलाओं की पोशाक पर प्रतिबंध लगाना पड़ा?
उत्तर बंगाल में बौद्ध गुम्फा से लेकर कई मंदिर और चर्च हैं। लेकिन पोशाक को लेकर ऐसा कोई प्रतिबंध अब तक कहीं सुनने में नहीं आया है। हालांकि मंदिर कमेटी के सचिव किशोर गजमेर ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन कमेटी के एक सूत्र से पता चला है कि महाकाल मंदिर में अब तक पहाड़ी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आते रहते हैं। लेकिन हाल के दिनों में यहां पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है।
बताया जाता है कि ऐसी कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं छोटे परिधानों जैसे स्कर्ट, शॉर्ट्स पहनकर मंदिर में प्रवेश कर रही हैं। इस बात को लेकर मंदिर में पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले और स्थानीय भक्तों ने आपत्ति जतायी है। इसके बाद ही मंदिर कमेटी की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई।
इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए पहाड़ की शासक पार्टी भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के नेता तथा जीटीए के एक सलाहकार एस पी शर्मा ने कहा कि मंदिर में कौन, कैसी पोशाक पहनकर जाएगा इसका निर्णय लेने की जिम्मेदारी कमेटी की है।
बता दें, दार्जिलिंग माल के पास स्थित महाकाल मंदिर बहुत प्राचीन है। कुछ समय पहले तक यहां सिर्फ स्थानीय शिव भक्त ही आते-जाते थे। लेकिन पिछले कुछ समय से यहां पर्यटकों के आने का तांता लगा रहता है। भक्तों की भीड़ बढ़ने के साथ ही मंदिर में प्रवेश के रास्ते पर फूल, पूजन सामग्री की दुकानें तक सज गयी हैं। एक समय में जीएनएलएफ नेता सुभाष घिसिंग नियमित रूप से इस मंदिर में जाते थे।
हाल के दिनों में पहाड़ में जो राजनीतिक नेता गए हैं, उनमें से कई महाकाल मंदिर में जाकर पूजा भी करते हैं। भक्तों के दान से मंदिर भी चमकने लगा है। मंदिर तक आने-जाने का रास्ता चौड़ा किया जा चुका है। इससे पर्यटकों की भीड़ और भी बढ़ती जा रही है। बुधवार को भी कई पर्यटक मंदिर महाकाल के दर्शन करने पहुंचे, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन इनमें से किसी ने भी स्कर्ट या शॉर्ट्स नहीं पहना था।