सांसद खगेन मुर्मू का लगी चोट है बेहद गंभीर, लोकसभा स्पीकर ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

संसदीय मामलों के मंत्री किरन रिजीजू सिलीगुड़ी पहुंचे। बागडोगड़ा एयरपोर्ट से बाहर निकलकर उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट जल्दी जमा नहीं की गयी तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

By Moumita Bhattacharya

Oct 07, 2025 15:35 IST

समाचार एई समय : उत्तर बंगाल के आपदाग्रस्त इलाकों का जायजा लेने पहुंचे मालदह उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक व विधानसभा में विरोधी पार्टी के नेता शंकर घोष हमले का शिकार होना पड़ा। इस घटना को लगभग 24 घंटा बीत जाने के बावजूद अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है। इस मामले में अब राज्य सरकार से लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने रिपोर्ट तलब की है।

मंगलवार को संसदीय मामलों के मंत्री किरन रिजीजू सिलीगुड़ी पहुंचे। बागडोगड़ा एयरपोर्ट से बाहर निकलकर उन्होंने चेतावनी के स्वर में कहा कि अगर रिपोर्ट जल्दी जमा नहीं की गयी तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा सांसद की आंखों व नाक के पास गंभीर चोटें आयी हैं। उनके चेहरे की हड्डी भी टूट गयी है। बताया जाता है कि टांके भी लगाने पड़े हैं। वर्तमान में वह सिलीगुड़ी के एक नर्सिंग होम में इलाजरत हैं। लेकिन उनको दिल्ली लेकर जाकर भी इलाज करवाने के बारे में सोच-विचार किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि सांसद के चेहरे पर धातु की प्लेट लगायी जा सकती है। फिलहाल उनको बात करने से मना किया गया है।

गौरतलब है कि सोमवार को बाढ़ प्रभावित नागराकाटा वामनभांगा इलाके का परिदर्शन करने गए खगेन मुर्मू और शंकर घोष को युवकों के एक समूह ने घेर लिया। इसके बाद उन्हें दौड़ाते हुए गाड़ी तक लेकर गए। आरोप है कि जब वह गाड़ी में बैठ रहे थे, तब उन्हें पत्थर मारा गया। पत्थर के चोट से ही सांसद के चेहरा खून से भर गया। शंकर घोष की गाड़ी का कांच भी तोड़ने का आरोप लगाया है।

इस घटना के बाद शंकर घोष ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह काम 'दीदी के सैनिकों' का ही है। इसका पलटवार करते हुए उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने सवाल उठाया कि घटना के समय किसी को भी तृणमूल का झंडा हाथ में लेकर नहीं देखा गया था। सांसद या विधायक, कोई भी नागराकाटा के निवासी या जनप्रतिनिधि नहीं हैं। फिर उन्हें कैसे पता चला कि प्रदर्शनकारी तृणमूल से हैं?

इस घटना की निंदा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल पर लिखा, 'पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावितों के साथ खड़े होने गए हमारी पार्टी के सांसद और विधायक पीड़ित हुए हैं। इस घटना ने तृणमूल का अमानवीय चेहरा और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया गया है।'

घटना का पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'प्राकृतिक आपदा के समय प्रधानमंत्री जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं, वह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। प्रमाणित तथ्यों, जांच और प्रशासनिक रिपोर्ट के बिना ही वह राज्य सरकार और तृणमूल पर इल्जाम लगा रहे हैं।' हालांकि भाजपा ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि इस घटना को लंबा खींचा जाएगा।

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