प्राकृतिक आपदा के बाद उत्तर बंगाल में परिस्थिति का जायजा लेने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) पहुंची। मंगलवार की शाम को 4 बजे उन्होंने उत्तरकन्या से संवाददाताओं को संबोधित किया। आपदा की ऐसी स्थिति में भी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने विरोधियों के प्रति रोष व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि 4 अक्तूबर को प्राकृतिक आपदा के बारे में जानकारी मिलने के बाद सुबह 5 बजे उन्होंने परिस्थिति को लेकर डीजी और मुख्यसचिव के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि अगर को आपदा आती है तो राहत व बचाव कार्यों के लिए कम से कम 48 घंटे का समय देना पड़ता है।
उत्तर बंगाल जब बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित था, उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में दुर्गा पूजा कार्निवल में हिस्सा ले रही थी। इस बात को लेकर विरोधियों ने उनके खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी। मंगलवार को विरोधियों को पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन अगर मैं आती तो मेरी सुरक्षा व्यवस्था में ही प्रशासन के सभी अधिकारी व्यस्त हो जाते। आपदा के समय वीआईपी को सुरक्षा देना या प्रभावितों की मदद करना, उनके साथ खड़े होना, कौन सा काम अधिक जरूरी है?
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कार्निवल देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आए हुए थे। यह कार्निवल पश्चिम बंगाल का गर्व है। इतने क्लब कार्निवल में हिस्सा लेने की उम्मीद में थे, क्या उसका कोई मूल्य नहीं है! पूरी तैयारियां की जा चुकी थी। उसके बाद भी अगर मैं आती तो सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से बचाव व राहत कार्य प्रभावित हो जाता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोधियों पर आपदा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत हो रही है। एक तरफ कहा जा रहा है कि सेतु ध्वस्त होने से लोगों की मृत्यु हुई है। क्या महाकुंभ की घटना एक विपत्ति नहीं थी? क्या उसकी घोषणा की गयी थी? हमलोगों ने राजनीति नहीं की थी। गराकाटा ब्रिज का काम शुरू हो चुका है।' उन्होंने केंद्र सरकार पर एक बार फिर से आर्थिक तौर पर वंचित करने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने बताया कि उत्तर बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों में आई विपदा के कारण करोड़ों रुपए के बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहां 12 घंटों में 300 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 36 नदियों का पानी भी छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि प्रकृति के रौद्ररुप से फ्लोरिडा जैसे जगह को भी छुटकारा नहीं मिला था। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि जब तक प्रभावित लोग अपने घरों में वापस नहीं लौट जाते हैं, तब तक सामूहिक रसोई घर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों के अंदर ही फिर से उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी।
मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि उस समय तक फिल्ड सर्वे हो जाने की वजह से नुकसान का अनुमान भी लगाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर बंगाल में अब तक 27 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। इनमें से 18 लोगों की मौत मीरिक और कालिम्पोंग में हुई है। नागराकाटा में 5 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद और नौकरी देने की घोषणा की है।