समाचार एई समय : उत्तर बंगाल का विस्तृत क्षेत्र बाढ़ से तबाह हो गया है। सोमवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) उत्तर बंगाल पहुंच चुकी थीं। मंगलवार को वह मिरिक के दुधिया गईं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों के निवासियों से मुलाकात की। उन्होंने पहले ही मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इस दिन उन्होंने खुद कुछ लोगों को कागजात सौंप दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हर तरह से प्रभावितों के साथ खड़े रहने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ और भूस्खलन में मृतकों के परिजनों को विशेष होमगार्ड की नौकरी देने की घोषणा की थी। उन्होंने इस दिन आश्वासन दिया कि उन नौकरियों के लिए शैक्षिक योग्यता और शारीरिक ऊंचाई में छूट दी जाएगी। उन्होंने कुछ लोगों को आर्थिक सहायता के दस्तावेज भी सौंपे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में सामुहिक रसोई (Comunity Kitchen) चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि एक महीने तक प्रभावितों को GRE या सहायता दी जाएगी।
प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों के जरूरी दस्तावेज खो गए हैं या नष्ट हो गए हैं, उनके लिए भी मुख्यमंत्री ने विशेष संदेश दिया है। आधार, पैन, राशन कार्ड या अन्य महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज नष्ट हो जाने पर, मुख्यमंत्री ने विशेष शिविर लगाकर उस समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया है। स्कूल छात्र-छात्राओं की किताबें-कॉपियां, स्कूल ड्रेस आदि नष्ट होने पर उस तरफ भी ध्यान देने का उन्होंने आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पूरे उत्तर बंगाल में बाढ़, बारिश और भूस्खलन के कारण जितने किसानों की जमीन नष्ट हुई है, उन्हें कृषि बीमा के तहत मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही जिनके घर नष्ट हो गए हैं, उनके साथ भी खड़े रहने का संदेश उन्होंने दिया है।
मुख्यमंत्री ने दुधिया में भूस्खलन वाले क्षेत्र का दौरा किया। किस तरह से स्थिति को संभालने का काम चल रहा है, इसका उन्होंने जायदा लिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि संपर्क व्यवस्था को जल्द से जल्द ठीक करने की दिशा में प्रशासन कोशिशें कर रही है। साथ ही उन्होंने निर्माण कर्मियों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने सभी से लाइफ जैकेट पहनकर काम करने की हिदायत दी है। बारिश रुकने के बावजूद नदी में तेज धारा है। यह देखकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूर अगर तेज धारा में काम नहीं कर सकते तो 2 दिन रुककर ही काम किया जाए।