भारत-बांग्लादेश सीमा पर BSF जवानों की गोली से बांग्लादेशी तस्कर की मौत

BSF ने उसे रोका तो युवक ने उन पर हमला कर दिया गया। जवाबी कार्रवाई में BSF को भी फायरिंग करनी पड़ी जिसमें उक्त बांग्लादेशी घुसपैठिया मारा गया।

By Rinika Ray Chowdhary, Posted By : Moumita Bhattacharya

Dec 05, 2025 14:41 IST

बुधवार की देर रात को कूचबिहार में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर माथाभांगा-1 ब्लॉक में बैरागीरहाट पंचायत के चेनाकटा सीमा चौकी इलाके में सीमा सुरक्षा बल के जवानों (BSF) ने एक तस्कर को मार गिराया। बताया जाता है कि उक्त युवक कांटेदार तार की बाड़ को काटकर भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था।

आरोप है कि जब BSF ने उसे रोका तो युवक ने उन पर हमला कर दिया गया। जवाबी कार्रवाई में BSF को भी फायरिंग करनी पड़ी जिसमें उक्त बांग्लादेशी घुसपैठिया मारा गया। बताया जाता है कि मारे गए युवक की पहचान सबुज हसन (29) के रूप में हुई है।

वह बांग्लादेश के लालमोनिरहाट के पटग्राम इलाके का रहने वाला बताया जाता है। BSF का दावा है कि उक्त युवक सबुज बॉर्डर पर कंटीली तार को पार करके भारत में गैर-कानूनी सामान की तस्करी करने की कोशिश कर रहा था। उनके साथ एक तस्करी टीम भी काम कर रही थी। आरोप है कि वे सबुज का पीछे से साथ दे रहे थे।

जैसे ही इस मामले का पता चला सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आरोप है कि इसी दौरान सबुज ने अचानक हमला बोल दिया। बचाव में 156 बटालियन के जवानों ने भी गोली चलाई। बुधवार की रात को ही बॉर्डर गार्ड के जवानों ने युवक को जख्मी हालत में बरामद किया गया और उसे माथाभांगा महकमा अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

माथाभांगा के एसडीपीओ समरेन हल्दार ने बताया कि रात को ही BSF के जवानों ने हमें बताया। अवैध सामानों की तस्करी के दौरान यह घटना घटी। अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। वह व्यक्ति बांग्लादेश का रहने वाला बताया जाता है। उसके शव को पोस्टमार्टम करके जो भी नियम होंगे उसके आधार पर ही कदम उठाया जाएगा।

इस घटना के बाद गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ बांग्लादेश की बीजीबी की एक फ्लैग बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि बांग्लादेशी युवक के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद ही नियमानुसार शव को बांग्लादेश भेजने की व्यवस्था की जाएगी।

बता दें, कूचबिहार में लगभग 500 किलोमीटर लंबी सीमा में करीब 40 किलोमीटर का इलाका ऐसा है जहां कांटेदार तार की बाड़ नहीं लगी हुई है। आरोप है कि इससे पहले भी माथाभांगा सीमा पर तस्करों के साथ BSF के जवानों के संघर्ष की घटना घट चुकी है। बताया जाता है कि इन घटनाओं के बाद ही सीमा पर भी निगरानी को बढ़ा दिया गया है।

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