गाजोल की सभा से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी SIR को लेकर मुखर हुईं। उन्होंने सीधे गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेकर BJP पर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा, “फरवरी महीने में चुनाव की घोषणा होगी, उसके तीन महीने पहले यह चालाकी करके किया गया। इसके पीछे गृह मंत्री अमित शाह हैं ताकि चुनाव रोक दिया जा सके या SIR न मानने पर सरकार गिरायी जा सके।”
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने BJP पर SIR को लेकर आम जनता में भय फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया, “इतनी जल्दी करने की क्या जरूरत थी। तीन महीने बाद ही चुनाव। विकास का काम रोककर, लोगों को सेवा न देकर लोगों को परेशान किया जा रहा है। नागरिकों को फिर साबित करना पड़ रहा है कि वे नागरिक हैं। पहले ड्राफ्ट लिस्ट में नाम आएगा, फिर हियरिंग में जाना होगा। हियरिंग में नहीं गए तो नाम काट दिया जाएगा। उसके बाद सभी को डराया जा रहा है।”
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने SIR आतंक के कारण मौत का भी जिक्र किया। काम के बोझ के कारण BLO की मृत्यु और आत्महत्या पर उन्होंने दुःख व्यक्त किया। ममता बनर्जी के अनुसार, सिर्फ इस राज्य में नहीं, अन्य राज्यों में भी BLO लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। हालांकि इस पर कोई बात नहीं कर रहा है। राज्य की जनता को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया, “आप देश के मतदाता हैं। किसी को पुशबैक नहीं किया जाएगा। किसी को डिटेंशन कैंप में नहीं भेजा जाएगा। मैं आपकी पहरेदार हूं।”
ड्राफ्ट लिस्ट से नाम कट जाने पर भी मुख्यमंत्री ने मदद का आश्वासन दिया। सामान्य नागरिकों को SIR से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए ‘मे आई हेल्प यू’ डेस्क के माध्यम से मदद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “किसी का नाम कट गया तो चिंता न करें। 12 तारीख से हेल्प डेस्क शुरू होगा। शपथ पत्र का आवेदन कर अगर नहीं मिला तो उस कैंप में जाकर प्राप्त कर सकते हैं। बाकी सहायता भी मिलेगी।”
इस दिन मंच से ममता ने BJP को कड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, “जितनी कोशिश करो, बंगाल पर कब्जा असंभव है। बिहार अलग, बंगाल अलग। याद रखना SIR करके BJP ने अपनी ही कब्र खोद ली है। राजनीतिक रूप से उन्हें हटाना होगा। हम सब करेंगे। फॉर्म भरकर हियरिंग में जाएंगे, नहीं तो वे नाम काट देंगे। प्रवासी मजदूरों को वापस आने को कहिए। दूसरे राज्य में काम कर रहे हैं और यहां वोटर लिस्ट में नाम है तो काट देंगे।”
सोनाली बीबी को लेकर मुखर ममता
सिर्फ SIR नहीं, बंगाली अस्मिता को लेकर भी मुख्यमंत्री ने इस दिन मुखरता दिखाई। बंगला में बोलने पर जानबूझकर बांग्लादेशी करार देकर BJP सरकार पर पुशबैक करने का आरोप लगाया। इस संदर्भ में उन्होंने वीरभूम निवासी सोनाली बीबी और उनके छोटे बेटे का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश और ओडिशा में बंगला भाषियों के साथ अत्याचार हो रहा है। बंगला में बोलो तो बांग्लादेशी कहकर पुशबैक कर दिया जा रहा है। सोनाली बीबी भारतीय हैं। उन्हें पुशबैक कर दिया गया था बांग्लादेश में। किस हिम्मत से गर्भवती महिला को बांग्लादेश भेज दिया? कोर्ट के आदेश से अब वापस लाया जा रहा है। बंगला में बोलो तो बांग्लादेशी कहकर दाग लगाते हैं। फिर भी बंगला में बोलना बंद नहीं करेंगे। गला काट दिया तो भी बंगला में ही बोलेंगे।”
संशोधित वक्फ़ कानून पर आश्वासन
इस दिन की सभा से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित वक्फ़ कानून पर भी मुखरता दिखाई। उन्होंने कहा कि वक्फ़ कानून राज्य का नहीं, BJP नेतृत्व वाली मोदी सरकार का है। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को आश्वस्त किया कि, “वक्फ़ संपत्ति कानून हम नहीं बनाए, केंद्र सरकार ने किया। हमने विधानसभाओं में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रोका। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस कर रही है। वह मामला चल रहा है। इसके अलावा हम जब तक हैं, इन जगहों पर हाथ नहीं डालने देंगे। किसी धार्मिक स्थल में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। मैं धर्म के आधार पर भेदभाव या राजनीति नहीं करती।”
इसके अलावा उन्होंने चुनाव से पहले BJP की घोषणाओं और उसके परिणामों की भी आलोचना की। मुख्यमंत्री के अनुसार, सिर्फ चुनाव के लिए वादे नहीं किए जाते। जो कहा जाता है, उसे पूरा करके दिखाना तृणमूल की पहचान है।