बंगाल में स्थापित होंगे सबसे बड़े शिव, बनेगा महाकाल मंदिर : ममता बनर्जी, जानिए कहां?

राज्य में सबसे बड़ा महाकाल का मंदिर बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर दी है। लेकिन कहां बनेगा महाकाल का सबसे बड़ा मंदिर?

By Moumita Bhattacharya

Oct 16, 2025 17:25 IST

हाल ही में दीघा में जगन्नाथ धाम का उद्घाटन किया गया है। अब राज्य में सबसे बड़ा महाकाल का मंदिर बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कर दी है। उन्होंने इस बात की घोषणा उत्तर बंगाल के अपने दौरे के दौरान की है। सिर्फ महाकाल मंदिर ही नहीं बल्कि एक कन्वेंशन सेंटर बनाने की घोषणा भी उन्होंने की है। लेकिन कहां बनेगा महाकाल का सबसे बड़ा मंदिर?

गुरुवार को दार्जिलिंग के महाकाल मंदिर के दर्शन करने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची। मंदिर में दर्शन व पूजा करने के बाद उन्होंने वहां के पुजारियों और श्रद्धालुओं से भी बात की। इसके बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी के जिलाधिकारी से एक जमीन देखने के लिए कहा है। वहां कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके साथ ही एक महाकाल मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा, जहां सबसे बड़े शिव रहेंगे।

ममता बनर्जी ने आगे कहा, 'हो सकता है कि इन योजनाओं को वास्तविकता के धरातल पर उतारने में थोड़ा समय लग सकता है। ट्रस्टी बोर्ड का गठन करना होगा। सरकार निःशुल्क जमीन देगी।' उत्तर बंगाल में एक बार फिर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है, जिसे देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी खुशी जाहिर की।

पिछले कुछ समय से लगातार हो रही बारिश की वजह से उत्तर बंगाल का बड़ा इलाका भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित था। बड़ी संख्या में पर्यटक पहाड़ी इलाकों पर फंस गए थे, जिन्हें बचाकर समतल में ले जाया गया था। फिलहाल पहाड़ पर स्थिति काफी हद तक स्वाभाविक हो चुकी है। धीरे-धीरे उत्तर बंगाल सामान्य होता जा रहा है। इसलिए पर्यटकों का आना-जाना भी शुरू हो गया है।

दार्जिलिंग में महाकाल मंदिर में दर्शन व पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि फिर से यहां पर्यटक आना शुरू करें।' इससे पहले भी दीघा में जगन्नाथ मंदिर बनाने की पहल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही की थी। इसके साथ ही उन्होंने दुर्गा आंगन शुरू करने की पहल भी की थी। अगर उत्तर बंगाल में महाकाल मंदिर बनता है, जहां सबसे बड़े भगवान शिव की स्थापना की जाएगी, तो निश्चित रूप से पर्यटकों के साथ-साथ शिवभक्तों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन जाएगा। इस वजह से पर्यटन और तीर्थाटन दोनों के ही बढ़ने की संभावना बढ़ेगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर मिलेंगे।

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