बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे पर गये खगेन मुर्मू पर हमला, शंकर घोष की कार को निशाना बनाया

सुरक्षा घेरा तोड़ कर किसी के पीछे से आकर शंकर को धक्का मारने का आरोप। फिर सांसद के साथ मारपीट की गयी।

By Sayani Joardar, Posted by: Shweta Singh

Oct 06, 2025 16:48 IST

बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे भाजपा सांसद और विधायक पर हमला किया गया। मंगलवार को मालबाजार के नागराकाटा के बामनडांगा इलाके का दौरा कर रहे भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हमला हुआ। खगेन खून से लथपथ हो गए और शंकर की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया गया। शंकर घोष ने आरोप लगाया, 'दीदी के सिपाहियों ने हमला किया।' जवाब में उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने कहा, 'रविवार को यहां कोई भाजपा नेता या मंत्री नहीं दिखा। आज मुख्यमंत्री आएंगी, यह सुनकर उन्होंने लोगों को भड़काने की कोशिश की। जवाब में उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।'

उस दिन मालदा उत्तर से सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी से विधायक तथा विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक शंकर घोष सुरक्षाकर्मियों से घिरे बाढ़ग्रस्त इलाके की ओर जा रहे थे। अचानक कथित तौर पर एक व्यक्ति ने सुरक्षा घेरा तोड़कर शंकर को पीछे से धक्का दे दिया। उन्हें आगे की ओर फेंक दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह सांसद को वहां से निकालने की कोशिश की।

जान बचाने के लिए शंकर और खगेन कार की ओर दौड़े। कुछ युवक उनके पीछे दौड़ रहे थे। कथित तौर पर उसी समय सांसद को पीछे से टक्कर मारी गई। उनकी नाक पर भी चोट लगी थी। उनका चेहरा और कपड़े खून से लथपथ हो गये।

शंकर घोष ने आरोप लगाया, 'घटना के समय कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे। जैसे ही उन लोगों ने हम पर हमला होते देखा, धीरे से वहां से पुलिस वाले खिसक गये। मैं पुलिस का शुक्रिया अदा करता हूं। वे इसी तरह काम करेंगे तभी पुलिस की अगली पीढ़ी भी काम करना सीखेगी।'

इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'आज नागराकाटा में सांसद खगेन मुर्मू पर तृणमूल के उपद्रवियों ने हमला किया। इस राज्य में कानून का नहीं, बल्कि उपद्रवियों का राज है। कल उत्तर बंगाल में भारी नुकसान के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जश्न में व्यस्त थीं। और आज उनकी पार्टी के उपद्रवी इस तरह कहर बरपा रहे हैं।'

हालांकि उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने कहा, "हम भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करते लेकिन जो दो लोग यहां आए थे उनमें एक सिलीगुड़ी से विधायक हैं और दूसरे मालदा से सांसद। वे नागराकाटा के लोगों को नहीं जानते। उन्हें कैसे पता चलेगा कि कौन तृणमूल है, कौन भाजपा है, कौन सीपीएम है? जिन पर हमला हुआ, उनमें से किसी के पास कोई पार्टी का झंडा नहीं था।"

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