सुप्रीम कोर्ट का फैसला गणतंत्र का जोरदार तमाचा है : अभिषेक बनर्जी

'यह ऐतिहासिक जीत आम लोगों की है जिन्होंने दिल्ली के अंहकार और अन्याय के सामने अपना सिर नहीं झुकाया।'

By Moumita Bhattacharya

Oct 27, 2025 16:54 IST

100 दिनों के रोजगार मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र सरकार को जोरदार धक्का लगा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने सोमवार को एक बार फिर से केंद्र सरकार पर बंगाल को वंचित करने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अभिषेक बनर्जी ने इस फैसले को 'बहिरागत बंगाल-विरोधी जमीनदारों' की पराजय करार दिया।

अभिषेक बनर्जी ने लिखा, 'यह ऐतिहासिक जीत आम लोगों की है जिन्होंने दिल्ली के अंहकार और अन्याय के सामने अपना सिर नहीं झुकाया।' गत 1 अगस्त से राज्य में 100 दिनों का रोजगार परियोजना को फिर से शुरू करने का निर्देश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया था। उस फैसले को चुनौती देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था। सोमवार को न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ ने उस आवेदन को खारिज कर दिया। इससे हाई कोर्ट का आदेश मानकर 100 दिनों का रोजगार परियोजना के लिए केंद्र सरकार को आवंटन देना होगा।

राज्य में अब 100 दिनों का रोजगार परियोजना को शुरू करने के लिए अब कोई कानूनी अड़चन नहीं रही। इस आदेश के आने के बाद से ही केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर से राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी के नेता अपने तल्ख तेवर में नजर आ रहे हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राज्य को अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया था। अब 100 दिनों के रोजगार मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सामने रखते हुए अभिषेक बनर्जी ने अपने सुर चढ़ा लिए हैं।

अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि राजनीतिक तौर पर भाजपा हमसे जीत नहीं पा रहा है। इसलिए इस तरह से बंगाल को वंचित करने के मामले को भाजपा ने अपना हथियार बनाया है। मां, माटी, और मानुष के साथ खड़े होने के लिए मानुष (आम जनता) को सजा देने के लिए जरूरतमंदों की मजदूरी छीन ली गयी है। आर्थिक रूप से बंगाल को वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि बंगाल को डराकर, धमकाकर चुप कराना संभव है, अदालत का फैसला उनके चेहरे पर पड़ा एक जोरदार गणतांत्रिक तमाचा है। भाजपा का अहंकार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। जिम्मेदारी न उठाकर वे सिर्फ क्षमता में बने रहना चाहते हैं। साल 2026 का विधानसभा चुनाव जब दरवाजे पर खड़ा है, ऐसे समयम में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर पटलवार किया और लिखा, 'नहीं चलेगा अन्याय, नहीं काम आएगी कोई योजना, जनता की अदालत में अब होना पड़ेगा बंदी।'

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