राज्य में 100 दिन रोजगार परियोजना जल्द शुरू करनी होगी। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने कुछ समय पहले ही यह आदेश दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के आवेदन को खारिज करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मनरेगा के 100 दिन रोजगार परियोजना को जल्द शुरू करनी होगी।
इसके साथ ही अविलंब बकाया रुपया भी देने का आदेश दिया गया है। जानकारों के मुताबिक इसका सीधा अर्थ हुआ कि अब राज्य में 100 दिन रोजगार परियोजना को शुरू करने में अब कोई बाधा नहीं रही। बता दें, पश्चिम बंगाल में पिछले करीब 3 सालों से 100 दिन रोजगार परियोजना बंद थी। इस परियोजना के लिए आवंटन न देने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया गया था। मिली जानकारी के अनुसार राज्य को इस परियोजना का कुछ आवंटन ही मिला था। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने राज्य के कई जिलों का दौरा किया था।
इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम तो उठाए जा सकते हैं लेकिन 100 दिन रोजगार परियोजना को पूरी तरह से बंद नहीं रखा जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने 1 अगस्त से इस परियोजना को फिर से शुरू करने का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा केंद्र सरकार ने खटखटाया था। न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने केंद्र के आवेदन को खारिज कर दिया और हाई कोर्ट के सभी आदेशों को बहाल रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद एक बार फिर से केंद्र सरकार पर वंचित करने का आरोप लगाते हुए राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी के नेता सक्रिय हो रहे हैं।
राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल को केंद्र सरकार हमेशा वंचित करता है। प्रतिकूल परिस्थिति में होने के बावजूद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार की सभी परियोजनाओं को बचा कर रखा है।