सुन्दरवन की समलैंगिक जोड़ी को अभिषेक बनर्जी का मिला समर्थन, कहा - 'प्यार कभी बंधन में नहीं बंधता है...'

रिया और राखी ने साबित कर दिया है कि समलैंगिक प्रेम सिर्फ शहरों की चकाचौंध में ही नहीं बल्कि गांव की टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों पर पनप सकता है।

By Tuhina Mandal, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 10, 2025 15:39 IST

सुंदरवन के सुदूर इलाके की रहने वाली रिया सरदार और बकुलतला की राखी नस्कर ने हाल ही में उस दरवाजे को खोलने का साहस दिखाया है जो समाज में 'कौन क्या कहेगा' के डर से इतने लंबे समय से बंद था। महानगर के रास्तों पर इंद्रधनुषी रंग तो बहुत पहले ही दिखाई देने लगा था।

लेकिन रिया और राखी ने साबित कर दिया है कि समलैंगिक प्रेम सिर्फ शहरों की चकाचौंध में ही नहीं बल्कि गांव की टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों पर पनप सकता है। खास बात यह रही कि गांव के निवासियों ने भी इस बदलाव को खुले दिल से स्वीकार किया। इस खास मौके पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने नवविवाहित जोड़ी को बधाई भी दी है।

लोग सोचते हैं कि समलैंगिक प्रेम जैसे संवेदनशील मुद्दों से राजनीतिक पार्टियां और नेताएं दूरी बनाकर ही रखते हैं। लेकिन युवा तृणमूल सांसद ने लोगों की इसी सोच को बदल दिया है। इससे पहले भी युवा राजनेता अभिषेक बनर्जी ने कई बार रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ा है। दक्षिण बंगाल का सुंदरवन, जहां के निवासी साल भर चक्रवाती तूफान आदि से परेशान ही रहते हैं, ने भी इन दो समलैंगिक प्रेमियों के लिए अपने दिल के दरवाजे खोल दिए हैं।

रिया और राखी की बातचीत फोन पर शुरू हुई। कुछ सालों के अंदर दोनों में प्यार हुआ और बात शादी के फैसले तक पहुंच गयी। रिया के परिवार को दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं था लेकिन राखी अपने परिवार को समझाने में सफल हुई। हालांकि गांव के कुछ लोगों ने तरह-तरह की कहानियां जरूर बनायी थी लेकिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इस जोड़े का समर्थन किया। सामाजिक स्वीकृति मिलने की खुशी में सोमवार को 'शांति संघ क्लब' ने एक खास पहल की। ​​सोमवार को जालाबेरिया 1 ग्राम पंचायत क्षेत्र में रिया और राखी के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर कुलतली के विधायक गणेश मंडल भी मौजूद थे।

लेकिन इस समारोह का सबसे बड़ा सरप्राइज सांसद अभिषेक बनर्जी का कॉल आना था। उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के यह स्पष्ट कर दिया कि वह 'प्रेम के पक्षधर' हैं। अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'मुझे बहुत अच्छा लगा कि हमारी सुंदरवन की धरती पर एक अनोखा इतिहास लिखा गया है। इन दो बहादुर युवतियों, रिया और राखी, को बधाई। रिया और राखी ने प्रचलित ढांचे से आगे बढ़कर प्रेम के असली मायने को सामने लाया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि प्रेम कभी किसी बंधन या सीमा में नहीं बंधा होता। प्रेम कोई बंधन नहीं जानता - न धर्म में, न लिंग में, न जाति में।'

उन्होंने आगे कहा कि शायद दोनों को ही पता था कि आगे की राह आसान नहीं होगी। उनकी खूब आलोचना होगी और कटाक्ष भी सुनने को मिलेंगे। लेकिन दोनों साथ रहने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटी। मैं उन्हें बधाई देता हूं। ग्रामीणों को भी शुक्रिया, उन्होंने इस जोड़े का हौसला बढ़ाया। मैं इस जोड़े को बधाई देता हूं। उनका साहस और प्यार आने वाली कई पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगा। उनकी शादी से यह समझ में आता है कि प्यार का मतलब इंसानियत है। और इंसानियत ही समाज की असली पहचान है। अभिषेक ने इस जोड़े का साथ देने के लिए गांव वालों का शुक्रिया अदा किया।

बता दें, भारत में समलैंगिक विवाह अब अपराध नहीं है। हालांकि समलैंगिक जोड़ों को शादी करने की कानूनी अनुमति अभी तक नहीं मिली है। सुंदरवन के इस जोड़े ने सामाजिक रूप से शादी की। इस बार अभिषेक ने खुले मंच पर उनका साथ दिया है।

राज्य के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अभिषेक पहले भी कई पुरानी और घिसी-पिटी सोच को हटाने में सक्रिय रहे हैं। लेकिन समलैंगिक जोड़े का उनका सीधा समर्थन निस्संदेह राजनीति की एक और मिसाल है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सुंदरवन का आकाश इन दिनों इंद्रधनुषी रंगों से सजा हुआ है, जहां प्रेम का चमकता सूरज है, कच्चे घरों में उम्मीद की नई किरण है और पक्की पगडंडियों पर नवीनता को स्वीकार करने की जगमगाहट है।

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