SSKM अस्पताल में किशोरी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी ने खुद को शिशु चिकित्सक बताया था। दावा किया जा रहा है कि टिकट काउंटर पर लंबी लाइन में न खड़े होकर तुरंत इलाज मिलने का आरोपी अमित मल्लिक ने वादा किया था, जिसपर भरोसा करके ही किशोरी उसके साथ जाने के लिए राजी हो गयी थी। लेकिन इलाज में किसी भी तरह की मदद न करके किशोरी को शौचालय में ले जाकर उससे बदसलूकी की गयी। इस आरोप के सामने आते ही आरोपी अमित मल्लिक के खिलाफ नई धाराओं में मामला दायर किया गया है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपी एनआरएस अस्पताल का अनुबंधित कर्मचारी होने के बावजूद एसएसकेएम अस्पताल में बिना किसी रोक-टोक के आया-जाया करता था। वह कभी खुद को मरीज, कभी मरीज का परिजन बताकर लोगों का भरोसा जीतता था। कभी सादे कपड़ों में तो कभी अस्पताल के कर्मचारी के कपड़ों में वहां घूमता रहता था। गत बुधवार को टिकट काउंटर की लंबी लाइन में 15 वर्षीया किशोरी खड़ी थी। तब खुद को एसएसकेएम अस्पताल का डॉक्टर बताकर अमित ने किशोरी का भरोसा जीता।
इस वजह से अब अमित मल्लिक के खिलाफ बीएनएस की धारा 319(2) यानी वेष बदलकर प्रताड़ित करने के अलावा पॉक्सो एक्टर (4 नंबर धारा) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। एसएसकेएम अस्पताल में किशोरी से यौन उत्पीड़न का आरोप सामने आने के बाद ही गुरुवार को अमित मल्लिक को धापा इलाके से भवानीपुर थाना की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। शुक्रवार को अलीपुर के पॉक्सो अदालत में आरोपी को पेश किया गया। यहां से उसे 31 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि एसएसकेएम अस्पताल जैसे मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में, जहां हमेशा लोगों की भीड़ लगी रहती है। इसके बावजूद आरोपी पीड़िता किशोरी को शौचालय में कैसे ले गया और इसकी भनक किसी को नहीं लगी? किसी का इस मामले पर ध्यान क्यों नहीं गया? पुलिस अमित से पूछताछ कर रही है ताकि पता चल सके कि किसी और ने उसकी मदद की थी या नहीं। माना जा रहा है कि अमित भी दलाल संगठन में शामिल है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक शुक्रवार को अमित को पॉक्सो अदालत में पेश किया गया और जांच अधिकारियों ने उसकी DNA जांच का आवेदन किया। अदालत ने इस आवेदन को मंजूर भी कर लिया है। गत बुधवार को पीड़िता के साथ वास्तव में क्या हुआ था? अमित उससे कब मिला था? उस समय पीड़िता की मां कहां थी? उसने अपनी बेटी को कैसे ढूंढा? पुलिस ने कहा कि हर चीज की जांच की जा रही है। इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने के लिए पुलिस ने अस्पताल परिसर के कई सीसीटीवी कैमरे के फुटेज पहले ही इकट्ठा कर लिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार अमित एनआरएस अस्पताल से पहले शंभूनाथ पंडित अस्पताल में भी अस्थायी कर्मचारी रह चुका था। इसलिए एसएसकेएम अस्पताल में सभी से उसका अच्छा संपर्क है। इस वजह से उसे कोई रोकता नहीं था। बताया जाता है कि इस दिन कोर्ट में केस की सुनवाई बंद कमरे में हुई।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी वकील ने पीड़िता के साथ-साथ उसकी मां का भी गुप्त बयान रिकॉर्ड करने के लिए आवेदन किया है। उसी रात पीड़िता का मेडिको-लीगल टेस्ट भी किया गया था। कोर्ट में आरोपी के वकील दिब्येंदु भट्टाचार्य ने दावा किया कि उनका मुवक्किल यौन उत्पीड़न की किसी भी घटना में शामिल नहीं था। उस अस्पताल में ऐसी कोई भी घटना संभव ही नहीं है।