SIR : गोवा में 99.99% फॉर्म वितरित, किस राज्य में हुआ 100% और कहां सबसे कम? बंगाल में कितना?

चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 12 नवंबर 2025 को दोपहर 3 बजे तक पश्चिम बंगाल में मतदाताओं के बीच 6 करोड़ 87 लाख SIR का फॉर्म वितरित हो चुका है।

By Moumita Bhattacharya

Nov 13, 2025 12:11 IST

देश के 12 राज्यों में SIR की शुरुआत 4 नवंबर से हो चुकी है। पिछले 8 दिनों से घर-घर जाकर इन सभी 12 राज्यों के अलग-अलग विधानसभा केंद्रों के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) SIR का फॉर्म वितरित कर रहे हैं। BLO द्वारा फॉर्म वितरित करने और भरे हुए फॉर्म वापस ले जाने की आखिरी तारीख 4 दिसंबर 2025 है। अभी तक सभी 12 राज्यों में कितना प्रतिशत फॉर्म वितरित हो चुका है? पश्चिम बंगाल में कितना फॉर्म वितरित हुआ? क्या किसी राज्य में शत-प्रतिशत मतदाताओं तक SIR का फॉर्म पहुंच चुका है? अब तक कौन से राज्य में सबसे कम फॉर्म वितरित हुआ है?

आइए इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं -

चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 12 नवंबर 2025 को दोपहर 3 बजे तक पश्चिम बंगाल में मतदाताओं के बीच 6 करोड़ 87 लाख SIR का फॉर्म वितरित हो चुका है। गौरतलब है कि SIR की प्रक्रिया में कई तरह की अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विरोधी पार्टी व भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी चुनाव आयोग के पास पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग के खिलाफ अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने तेवर तल्ख किए हुए हैं।

पश्चिम बंगाल में कितना वितरित हुआ फॉर्म?

चुनाव आयोग सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 12 नवंबर की दोपहर 3 बजे तक पश्चिम बंगाल में 6 करोड़ 87 लाख SIR का फॉर्म वितरित हो चुका है। इसका मतलब है कि पश्चिम बंगाल के कुल मतदाताओं के 88.8% मतदाताओं को SIR का फॉर्म मिल चुका है।

किस राज्य में कितना वितरित हुआ SIR का फॉर्म?

लक्षद्वीप - 100 प्रतिशत

गोवा - 99.99 प्रतिशत

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह - 89.22 प्रतिशत

गुजरात - 88.08 प्रतिशत

पुडुचेरी - 93.04 प्रतिशत

केरल - 49.55 प्रतिशत (सबसे कम)

आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 12 नवंबर 2025 की दोपहर 3 बजे तक SIR का फॉर्म औसतन 72.66 प्रतिशत वितरित हो चुका है।

पार्टियों का घमासान जारी

राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि SIR की प्रक्रिया एक बड़ा ब्लंडर बन चुकी है। साल 2002 की जो मतदाता सूची CEO वेबसाइट पर अपलोड की गयी है उसमें और वोटर लिस्ट की हार्ड कॉपी में काफी फर्क है। कुछ जगहों पर तो मतदाता सूची पूरी तरह से गायब कर देने का आरोप तृणमूल की ओर से लगाया गया है। उदाहरण के तौर पर तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि विधाननगर विधानसभा इलाके के पार्ट नंबर 232 सीरियल नंबर 903 पर ही खत्म हो जा रहा है जबकि हार्ड कॉपी में सीरियल नंबर 984 तक है। आरोप है कि मतदाता सूची के 81 लोगों का नाम ही अपलोड नहीं किया गया है।

वहीं दूसरी ओर विधानसभा में विरोधी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने 13 लाख 25 हजार मतदाताओं की सूची को एक पेनड्राइव में डालकर और 5 विधानसभा केंद्रों के मतदाता सूची को हार्ड कॉपी में चुनाव आयोग के पास जमा करवाया है। अधिकारी ने बताया कि मुख्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रत्येक विधानसभा केंद्र की शिकायतों की जांच की जाएगी।

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