स्पेशल इंटेंसिव रिविशन (SIR) की घोषणा होने के बाद से ही राज्य के मुख्य चुनाव आयोग का ऑफिस मुश्किल में फंस गया है। राज्य में जिस दिन SIR की घोषणा हुई है, उसके बाद से लेकर अब तक 1 करोड़ से ज्यादा बार पश्चिम बंगाल के CEO वेबसाइट पर क्लिक किया जा चुका है। कहा जा सकता है कि राज्य के सभी लोग एक बार पोर्टल पर जाकर वोटर लिस्ट में अपना और अपने परिवार के सदस्यों का नाम ढूंढ रहे हैं। हालांकि अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि यह अस्वाभाविक बिल्कुल नहीं है।
वेबसाइट पर जाते ही सबसे पहले साल 2002 का SIR का लिस्ट दिखाई दे रहा है। अगर इस वोटर लिस्ट में मतदाताओं का नाम रहता है तो साल 2025 में SIR के दौरान मतदाताओं को काफी सुविधा होगी। ऐसे मतदाताओं को और कोई भी कागज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन अधिकांश लोगों को यह पता ही नहीं था कि SIR की घोषणा से पहले ही वेबसाइट पर इलेक्टोरल रोल को अपलोड कर दिया गया था।
SIR की घोषणा होने के बाद ही लोगों की भीड़ वेबसाइट पर उमड़ पड़ी है। इतने बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ वेबसाइट पर क्लिक करने से CEO वेबसाइट के सर्वर पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में खतरा पैदा हो गया है कि सर्वर किसी भी समय क्रैश हो सकता है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल CEO के वेबसाइट के सर्वर की रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीनस्थ नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की है। बताया जाता है कि अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने NIC के अधिकारियों से बात करके इस समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि 2-1 दिनों के अंदर वेबसाइट के रखरखाव की जिम्मेदारी का काम पूरा कर लिया जाएगा।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि NIC ने हमसे संपर्क किया है। हम स्टेट डाटा सेंटर से बात करके सर्वर की समस्या को खत्म कर देंगे। उन्होंने बताया कि एन्यूमारेशन फॉर्म देने से पहले ही सर्वर को ठीक कर लिया जाएगा।