पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने SIR की घोषणा कर दी है। तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि इसके बाद ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों में डर व आतंक से आत्महत्या जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी का आरोप है कि एनआरसी (NRC) के डर से ही पानीहाटी में प्रदीप कर नामक एक प्रौढ़ ने भी आत्महत्या कर ली है। अब पश्चिम मेदिनीपुर में एक प्रौढ़ क्षितिश मजूमदार की मृत्यु का मामला गर्मा रहा है।
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह SIR को लेकर डरे हुए थे। इस वजह से ही उन्होंने आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि SIR के डर से ही दीनहाटा में भी एक प्रौढ़ ने आत्महत्या की कोशिश की थी। इन घटनाओं के बारे में बात करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने एक बार फिर से केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट कर उन्होंने लिखा है, 'भाजपा के डर, विभाजन और घृणा की राजनीति की क्या करुण परिणति हो रही है, वह हमारे सामने है। चुनाव आयोग ने SIR की घोषणा की, उसके 72 घंटों के अंदर कई दुर्घटनाएं घट चुकी हैं।'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दावा है कि ये सभी घटनाएं राजनीतिक तौर पर तैयार की जा रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्रीय गृहमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेंगे? भाजपा और उनके दोस्त, जिनकी वजह से यह डर का माहौल बना हुआ है, क्या वे इस बारे में बात करने की हिम्मत कर सकेंगे? पीढ़ियों से बंगाल के लोग सम्मान के साथ रहते आ रहे हैं, लेकिन अब उनसे सवाल किया जा रहा है कि वह अपनी जन्म भूमि के निवासी हैं अथवा नहीं? यह क्रूरता अनुचित है और इसे किसी भी परिस्थिति में जारी नहीं रहने दिया जा सकता है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आमलोगों से कोई भी गलत कदम न उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष या परोक्ष किसी भी प्रकार से पश्चिम बंगाल में NRC नहीं होने दिया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए खून की आखिरी बूंद तक वह लड़ेंगी। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा और उसके सभी सहयोगी पार्टियों को भी हराने का संदेश दिया।