शुभेंदु ने किया दावा- फर्जी मतदाताओं को पकड़ने में चुनाव आयोग कोई कमी नहीं छोड़ेगा

65 शिकायतों के साथ चुनाव आयोग पहुंचे शुभेंदु अधिकारी। आधुनिक प्रणाली के माध्यम से हर गड़बड़ी का पता लगा लेगा चुनाव आयोग।

By सायनी जोयारदार, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 12, 2025 23:39 IST

कोलकाता। बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी बुधवार को चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने SIR (Special Investigation Report) और वोट से जुड़े 65 मामलों को लेकर आयोग को जानकारी दी। शुभेंदु का कहना है कि ये मामले भाजपा के SIR मॉनिटरिंग रूम की नजर में आए हैं।

शुभेंदु ने चुनाव आयोग पर भरोसा जताते हुए कहा: “फर्जी मतदाता पकड़ने में चुनाव आयोग कोई कमी नहीं रख रहा। आधुनिक तकनीक के जरिए सब कुछ पकड़ा जाएगा। जो लोग फर्जीवाड़ा करके मतदाता सूची में बने रहना चाहते हैं, उनके लिए यह मुमकिन नहीं होगा।”

BLO की भूमिका पर उठाए सवाल

शुभेंदु ने कुछ BLO (Booth Level Officer) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि कुछ BLO घर-घर जाकर फॉर्म वितरित नहीं कर रहे, बल्कि क्लब, पार्टी ऑफिस और काउंसिलर के साथ बैठकर फॉर्म बांट रहे हैं।

कई जगह BJP के BLA-2 को बाहर रखा गया तो कहीं उनके साथ मारपीट की गयी।

शुभेंदु ने BLO को तीन वर्गों में बांटा है। पहला, ईमानदारी से काम करने वाले BLO. दूसरा, डर कर काम कर रहे BLO और तीसरा, किसी राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे BLO.

BJP ने चुनाव आयोग से की शिकायत

शुभेंदु ने कहा कि भाजपा के कंट्रोल रूम से मिली 65 शिकायतें चुनाव आयोग को भेजी गई हैं। चुनाव आयोग से की गयी शिकायतों में यह भी शामिल है कि BJP के BLA-2 को मारा गया।

कुचबिहार में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता को जूते पहनाकर अपमानित किया गया। आरोपियों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों को छोड़ दिया गया और ये सभी जानकारी चुनाव आयोग को प्रदान की गई है।

चुनाव आयोग की भूमिका और सावधानी

शुभेंदु ने दोहराया कि चुनाव आयोग फर्जी मतदाता पकड़ने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा: “आधुनिक प्रणाली के माध्यम से हर गड़बड़ी पकड़ ली जाएगी। इसलिए जो लोग फर्जीवाड़ा कर मतदाता सूची में बने रहना चाहते हैं, उनके लिए यह मुश्किल समय है।”

सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच मतदाता सूची और BLO की भूमिका लगातार सुर्खियों में है। शुभेंदु अधिकारी के आरोपों से साफ है कि लोकतंत्र की रक्षा और निष्पक्ष चुनाव के लिए सतर्कता जरूरी है और चुनाव आयोग को हर कदम पर नजर बनाए रखना होगा।

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