SIR घोषणा के समय ही चुनाव आयोग ने बताया था कि उनका लक्ष्य यही है कि एक भी फर्जी वोटर सूची में न हो। मृत वोटर्स के नाम हटा दिए जाएं। प्रक्रिया शुरू होने के बाद राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने आधार प्राधिकरण (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया या UIDAI) को बताया कि 2022 के लेगसी डेटा के अनुसार राज्य में 'मृत वोटर' 46 लाख हैं। यह जानकारी बुधवार को राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने दी, वहीं दोपहर में ही पत्रकार वार्ता में विधानसभा में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी यह दावा किया।
सीईओ ने बताया कि REGISTRATION OF ELECTORS RULES 1960 का पालन करते हुए राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने UIDAI, बैंकों समेत उन सभी से जिनके पास जीवित- मृतक व्यक्ति संबंधी जानकारी है, कहा कि वे इसे चुनाव आयोग के साथ साझा करें। उस निर्देश का पालन करते हुए UIDAI की ओर से बताया गया है कि 34 लाख मृतक मतदाताओं के नाम आधार से हटा दिए गए हैं। इसके अलावा, अन्य माध्यमों से बाकी मृतक मतदाताओं का विवरण आयोग को मिल गया है।
पश्चिम बंगाल में बुधवार को शाम 4 बजे तक 6 करोड़ 87 लाख एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। प्रतिशत के हिसाब से यह 89.67 है। बंगाल में बुधवार तक 100 प्रतिशत एन्यूमरेशन फॉर्म वितरण का लक्ष्य आयोग ने रखा था।
उस लक्ष्य को पूरा न करने के कारण आज यानी बुधवार को रात 10 बजे आयोग EROs के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस करेगा। जिन सभी जिलों में अभी तक एन्यूमरेशन फॉर्म वितरण का काम पूरा नहीं हुआ है, सिर्फ उनके ही लिए यह बैठक होगी। CEO ने बताया कि बंगाल के 40 विधानसभा क्षेत्रों में 75 प्रतिशत से कम एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित हुए हैं।