दिल्ली धमाके पर सियासी भूचाल, अभिषेक ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की

गुप्तचर एजेंसियों की नाकामी ! दिल्ली धमाके को लेकर विपक्ष का निशाना पीएम मोदी पर भी

By प्रसेनजीत बेरा, Posted by: श्वेता सिंह

Nov 12, 2025 12:49 IST

समाचार एई समय। दिल्ली में सोमवार को हुए भयावह विस्फोट को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने सीधे तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि केंद्र के गृह मंत्रालय के अधीन क्षेत्र में इस तरह की बड़ी सुरक्षा चूक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने अदालत की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर जांच कराने की मांग की है ताकि दोषियों की पहचान कर कड़ी सजा दी जा सके।

अभिषेक का कहना है कि देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया निगरानी प्रणाली में भारी चूक हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे समय में भूटान दौरे पर कैसे चले गए, जबकि राजधानी में इतना बड़ा धमाका हुआ।

विपक्ष के निशाने पर अमित शाह और केंद्र सरकार

कांग्रेस हाईकमान ने भले ही सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना न साधा हो, लेकिन कांग्रेस के केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के नेताओं ने भी अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है।

विपक्ष का आरोप है कि नोटबंदी से लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक, हर बार मोदी सरकार ने दावा किया कि आतंकियों की कमर तोड़ दी गई है और सभी ठिकाने नष्ट कर दिए गए हैं — पर दिल्ली विस्फोट ने यह साबित कर दिया कि इन दावों का हकीकत से कोई मेल नहीं है।

अभिषेक बनर्जी ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखाः

“दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। कानून-व्यवस्था की प्राथमिक जिम्मेदारी उन्हीं की है। फिर सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई? हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार सुबह ही भारी मात्रा में विस्फोटक और असॉल्ट राइफल बरामद हुई थी। ये घटनाएं देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और खुफिया तंत्र की कमी को उजागर करती हैं।”

तृणमूल की मांग — अदालत की निगरानी में SIT जांच

तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों की जांच पर्याप्त नहीं है। अभिषेक ने कहा, “सच्चाई सामने लाने और दोषियों को पकड़ने के लिए अदालत की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर निष्पक्ष और समयबद्ध जांच जरूरी है।”

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाथे ने भी केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा, “इस संकट के समय प्रधानमंत्री मोदी भूटान चले गए। दिल्ली पुलिस, खुफिया विभाग और सीमा सुरक्षा बल सभी गृह मंत्री को रिपोर्ट देते हैं। क्या अमित शाह को किसी भी खुफिया चेतावनी की जानकारी नहीं थी? सरकार इस पर कोई बयान क्यों नहीं दे रही है? कई सवाल उठ रहे हैं।”

तृणमूल का हमला — “गृह मंत्री नाकाम, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए”

मंगलवार को तृणमूल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की उद्योग मंत्री शशि पांजा और पार्टी सांसद पार्थ भौमिक ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग दोहराई।

पार्थ ने कहा , “फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने के बाद तुरंत रेड अलर्ट क्यों नहीं जारी किया गया? गृह मंत्री पूरी तरह नाकाम हैं। जो व्यक्ति देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, उसे पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पुलवामा हमले के समय भी वे शूटिंग में व्यस्त थे।”

तृणमूल नेताओं ने आंकड़ों के साथ केंद्र पर हमला बोला

गुरदासपुर में हमला, उधमपुर में जवानों की शहादत, उरी में 17 जवानों की मौत, पठानकोट और पुलवामा जैसे हमले, पहलगाम में 26 लोगों की हत्या। इन सभी घटनाओं का हवाला देते हुए शशि पांजा ने कहा, “भाजपा नफरत और विभाजन फैलाने में इतनी व्यस्त है कि उसे देश की आंतरिक सुरक्षा की फिक्र ही नहीं। बिहार चुनाव में प्रचार में व्यस्त भाजपा नेताओं के लिए क्या यही ‘न्यू नॉर्मल’ है?”

केंद्र का जवाब — “बड़ी साजिश नाकाम की गई”

दूसरी ओर, केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार का कहना है कि गृह मंत्रालय ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के शासनकाल में कितनी बार धमाके हुए? तब कितनी बार गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया था? इस बार केंद्रीय एजेंसियों ने एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। जिन राज्यों से ‘मोजीबर रहमान के हत्यारे’ गिरफ्तार होते हैं, उन्हें नैतिकता की बात करने का कोई अधिकार नहीं।”

सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती ने भी कहा, “भाजपा के शासन में एक के बाद एक आतंकी हमले हो रहे हैं। खुफिया एजेंसियां नाकाम हुई हैं। सवाल उठना लाजिमी है — क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली?”

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