एई समय। दुर्गा पूजा के दौरान भारी बारिश के कारण कोलकाता में बिजली का करंट लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत की घटना में मेयर फिरहाद हकीम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रविवार को कॉलेज स्ट्रीट से शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। धर्मतला में जुलूस के अंत में विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने घोषणा की कि विशेष गहन संशोधन या 'SIR' 2026 के विधानसभा चुनावों के फाइनल से पहले एक सेमीफाइनल था।
इस दिन शुभेंदु के नेतृत्व में 'खोला हवा' नामक संगठन के बैनर तले एक जुलूस निकाला गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशानुसार यह जुलूस निर्धारित संख्या के लोगों के साथ निकाला गया और शाम 5 बजे से पहले ही जनसभा समाप्त हो गई।
इस जुलूस की जब योजना बनाई गई थी तब 22 सितंबर की रात से 23 सितंबर की सुबह तक कोलकाता में हुई भारी बारिश के कारण बिजली का करंट लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत मुख्य मुद्दा तय किया गया था। हालांकि इस दिन शुभेंदु ने अपन भाषण में उत्तर बंगाल में आई आपदा का भी जिक्र किया। उन्होंने अपने भाषण में उत्तर बंगाल में मची तबाही के बाद भी रेड रोड पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में कार्निवल कराये जाने के मुद्दे पर सीएम को घेरा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने जब पहली बार पश्चिम बंगाल में विशेष गहन समीक्षा का संकेत दिया था उस समय शुभेंदु ने घोषणा की थी कि कम से कम 1.25 करोड़ फर्जी मतदाताओं, मृतकों, बांग्लादेशी या रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम हटाए जाएंगे।
शुभेंदु ने जुलूस में कहा कि SIR इसी अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। मृतकों के नाम हटाए जाएंगे। अगर ये नाम नहीं हटाए गए तो हम आपको सूचित करेंगे। बांग्लादेशी मुसलमानों और रोहिंग्याओं के नाम हटाने होंगे। यह सेमीफाइनल है। एक करोड़ फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने होंगे। उसके बाद फाइनल होगा। वहां ममता हार जाएंगी। यह 'करो या मरो' की लड़ाई होगी।
इस दिन तृणमूल कांग्रेस नेता अरुप चक्रवर्ती ने शुभेंदु की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिय देते हुए कहा कि क्या शुभेंदु को नहीं पता कि बिहार में 65 लाख नामों को बाहर करने के बाद चुनाव आयोग को फिर से 23 लाख नाम जोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। शुभेंदु कभी लोकसभा चुनाव, कभी पंचायत चुनाव, कभी नगरपालिका चुनाव को 'सेमीफाइनल' कहते हैं। कोई कितनी बार 'सेमीफाइनल' खेलता है?
आज जब शुभेंदु के नेतृत्व में जुलूस धर्मतला पहुंचा तब रेड रोड पर दुर्गा कार्निवल शुरू हो चुका था। शुभेंदु ने कहा कि उत्तर बंगाल में आई आपदा के दौरान यह साबित हो गया कि वह (ममता) एक संवेदनशील मुख्यमंत्री नहीं हैं। हमें (पूरे राज्य में) 12 लोगों की मौत पर जुलूस क्यों निकालना पड़ रहा है? मुख्यमंत्री को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास ही नहीं है। उनकी प्राथमिकता खेल, मेले, नृत्य वगैरह तक ही सीमित हैं।
अरूप ने इसके जवाब में कहा कि कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है। यह देश के लिए सम्मान की बात है। मुख्यमंत्री शनिवार रात से ही उत्तर बंगाल के हालात पर नजर रख रही हैं और जरूरी निर्देश दे चुकी हैं। वह सोमवार को वहां पहुंचेंगी। भाजपा के सांसद और विधायक कहां हैं? खोला हवा की इस सभा में मासूम अख्तर, माफूजा खातून, तथागत रॉय और अन्य लोग मौजूद थे।