चुनाव आयोग ने बंगाल में भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की घोषणा की है। इसके बाद से ही चाय की दुकानों से लेकर बसों और ट्रेनों में जिधर देखो हर जगह इस पर चर्चा हो रही है। बंगाल में अड्डा दिये जाने वाले सभी जगहों पर इन दिनों सिर्फ एसआईआर को लेकर ही लोग बात कर रहे हैं। इसी संदर्भ में मंगलवार को सर्वदलीय बैठक के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने आम लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा, "एसआईआर को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। मतदाता सूची शत-प्रतिशत पारदर्शी तरीके से तैयार की जाएगी। एक भी वैध मतदाता का नाम छूटने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने मंगलवार को राज्य के आठ राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके बाद मनोज कुमार अग्रवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "अगर कोई भ्रम की स्थिति पैदा होती है तो सभी समस्याओं के समाधान के लिए हर जिले में एक हेल्पडेस्क होगा।" उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की घोषणा के बाद सोमवार रात बंगाल में मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को 3 नवंबर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद 4 नवंबर से बीएलओ गणना फॉर्म के साथ घर-घर जाएंगे। मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता सूची के संबंध में सभी दावे या शिकायतें 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक प्रस्तुत की जा सकती है। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
इस गणना फॉर्म में क्या होगा?
पता चला है कि हर मतदाता का एक क्यूआर कोड होगा। एक फोटो पहले से लगी होगी और उसे एक नई फोटो देनी होगी। अगर व्यक्ति काम के सिलसिले में कहीं और है तो परिवार का कोई और व्यक्ति इसे भर सकता है। हालांकि उसे अपनी पहचान और संबंधित व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते के बारे में जानकारी देनी होगी।