बंगाल में SIR की प्रक्रिया अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। राज्य के लगभग 95% मतदाताओं तक एन्यूमरेशन फॉर्म पहुंचाया जा चुका है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 36 शहरी विधानसभा केंद्रों के 30 प्रतिशत मतदाता अभी भी लापता हैं। दावा किया जा रहा है कि बूथ लेवल अधिकारी (BLO) तीन बार निर्धारित पते पर जाने के बावजूद उन्हें नहीं ढूंढ पाए हैं।
क्या लापता मतदाताओं में छिपे हैं फर्जी भी
इन इलाकों में एन्यूमरेशन फॉर्म वितरण की दर में कमी क्यों आयी है? इसका पता लगाने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल ने गुरुवार की रात को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचक पंजीयन अधिकारियों (ERO) के साथ एक वर्चुअल बैठक की। सवाल उठाया जा रहा है कि क्या इन 'लापता' मतदाताओं के बीच ही 'फर्जी मतदाता' छिपे हुए हैं।
क्यों गायब हैं मतदाता?
सूत्रों का दावा है कि जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बैठक में बताया कि इन इलाकों में मतदाता तीन मुख्य कारणों से गायब हैं। इनमें शहर की बस्ती इलाकों के मतदाता भी शामिल हैं। कई जगहों पर पिछले कुछ सालों में झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़कर बहुमंजिला इमारतें बना दी गई हैं। वहां के निवासी कहीं और चले गए हैं। किसी भी BLO के पास उनके नए पते की जानकारी नहीं है।
इसलिए इन मतदाताओं तक फॉर्म वितरित नहीं किए जा सकें। इसके अलावा शहर में कई लोग लंबे समय से किराए के मकानों में रहते थे। वे अब अपना घर छोड़कर दूसरे पते पर चले गए हैं। मकान मालिक या अन्य स्थानीय निवासी यह नहीं बता पाए कि वे कहां गए हैं। दावा किया जा रहा है कि BLO तीन बार जाने के बाद भी मतदाताओं को नहीं ढूंढ पाए हैं। इसलिए एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित नहीं किया जा सका है।
इस तरह की घटनाएं उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी, पश्चिम बर्दवान के आसनसोल, बीरभूम, हावड़ा, उत्तर कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में भी सामने आई है। CEO ऑफिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अलीपुरदुआर के कई मतदाता असम चले गए हैं। खड़गपुर के रेलवे कॉलोनी क्वार्टर से भी कई लोग लापता हैं। इनमें से कई लोग पहले नौकरी के सिलसिले में इन जगहों पर थे, लेकिन बाद में सेवानिवृत्त हो गए या स्थानांतरित होकर कहीं और चले गए।
कई विधानसभा क्षेत्रों में एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित करने की दर 75 प्रतिशत से भी कम होने की वजह से चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को संबंधित जिलों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि BLO को मोबाइल ऐप में यह बताना होगा कि मतदाताओं का पता नहीं लग पा रहा है। फॉर्म जमा होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में किन लोगों के नाम छूट गए हैं। उसके बाद अगर छूटे हुए मतदाताओं में से कोई भी आवेदन करना चाहता है, तो वह 9 जनवरी तक फॉर्म संख्या 6 के साथ 'SIR' का फॉर्म भरकर आवेदन कर सकता है।