शिक्षा में भ्रष्टाचार के मामले में विधायक तथा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और परिषद की पूर्व सचिव रत्ना चक्रवर्ती बागची के खिलाफ शुक्रवार को विशेष सीबीआई अदालत ने चार्जशीट स्वीकार कर ली। हालांकि चार्जशीट स्वीकार किए जाने के बावजूद चार्ज गठन की प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है।
दोनों के खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने के लिए राजभवन की अनुमति आवश्यक है, लेकिन अब तक राज्यपाल की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण चार्ज गठन की कार्यवाही ठप पड़ी हुई है।
नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में माणिक भट्टाचार्य का नाम सामने आया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इसके बाद सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी महत्वपूर्ण सरकारी पद पर रहा हो, तो उसके खिलाफ चार्ज गठन कर मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्यपाल की अनुमति आवश्यक होती है।
सीबीआई की चार्जशीट में इन दो लोगों के अलावा तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के नलहाटी नंबर 2 ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष विभास अधिकारी का नाम भी शामिल है। लेकिन वे किसी सरकारी पद पर नहीं थे, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमे के लिए अलग से किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले अक्टूबर महीने में सीबीआई ने प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। कानून के अनुसार, चार्जशीट दाखिल करने के बाद संबंधित मामलों में अनुमति प्राप्त करने के लिए तीन महीने का समय होता है। इसलिए अभी समयसीमा समाप्त नहीं हुई है। फिलहाल सीबीआई राजभवन की अनुमति का इंतजार कर रही है।