नहीं मिला राजनीतिक फायदा! हताश प्रदेश भाजपा नहीं मांगती अब CBI जांच

साल 2025 के अंत तक इन मामलों की जांच में कितनी सफलता मिली, यह अभी तक सवालों के घेरे में ही है।

By Moumita Bhattacharya

Oct 19, 2025 18:30 IST

घटना कितनी भी गंभीर और संगीन क्यों न हो, लेकिन अब बंगाल भाजपा (BJP) की जुबान से 'सीबीआई जांच' सुनाई नहीं देने वाली है। राज्य के विभिन्न मामलों में सीबीआई की गति और जांच की प्रकृति को देखकर बंगाल-भाजपा एक प्रकार से हताश हो चुकी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शमीक भट्टाचार्य ने पहले भी कई बार इस बारे में अपनी नाराजगी जाहिर की थी। शारदा से लेकर आरजी कर तक, राज्य में कई मामलों की जांच की जिम्मेदारी भरे ही सीबीआई को सौंपी गयी हो लेकिन उसका कोई भी राजनीतिक फायदा नहीं मिला है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल भाजपा के नेताओं ने विभिन्न जिलों के नेताओं को स्पष्ट कह दिया है कि बिना पार्टी से बातचीत किए, किसी भी मामले में सीबीआई जांच की मांग करने की गलती न करें। दुर्गापुर में डॉक्टरी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आते ही भाजपा नेताओं ने इसे राजनीतिक हथियार बनाने का सोचा।

तुरंत ही भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल कोलकाता से दुर्गापुर पहुंचा। वहां उन्होंने भले ही राज्य पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल भी उठाया लेकिन सीबीआई जांच की मांग नहीं की। यहां तक विधानसभा में विरोधी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी कुछ दिनों पहले दुर्गापुर के मुद्दे पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा था, 'सीबीआई जांच होगी या नहीं, यह मैं नहीं कह सकता हूं। पुलिस को जांच करनी होगी। मैं पुलिस द्वारा जांच की मांग ही करुंगा।'

सीबीआई जांच की मांग में प्रदेश भाजपा की उदासीनता को राजनीतिक विश्लेषक काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। पिछले दिनों राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बसु के घर व ऑफिस समेत कई जगहों पर एन्फोर्समेंट डिरोक्टोरेट (ED) के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया था। 5 साल पहले भी इस तरह के मामलों में प्रदेश भाजपा के नेताओं में उत्साह देखा जाता है। लेकिन बंगाल भाजपा के बीच संभवतः सीबीआई-ईडी से संबंधित धारणा बदल गयी है। इस वजह से ही सुजीत बसु के घर पर ईडी के छापा को लेकर शमीक भट्टाचार्य ने कहा था, 'ईडी-सीबीआई पीछले लंबे समय से बंगाल में चलती आ रही है। लेकिन जांच की गति और प्रकृति को देखकर लोग काफी हताश हो गए हैं। हम भी परेशान हैं।'

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पिछली बार विधानसभा चुनाव के बाद हमारे काफी समर्थकों की हत्या कर दी गयी थी। लेकिन सीबीआई ने अभी तक एक भी दोषी को सजा दिलाने में कामयाब नहीं हो सकी। बता दें, साल 2023 से नियुक्ति भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। लेकिन साल 2025 के अंत तक इन मामलों की जांच में कितनी सफलता मिली, यह अभी तक सवालों के घेरे में ही है।

सीबीआई ने भाजपा की विडंबना को सबसे ज्यादा आरजी कर मामले में बढ़ा दिया था। दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोलकाता पुलिस की तरह ही सीबीआई ने सिर्फ सीविक वॉलेंटियर पर ही दोषारोप किया और संजय राय को ही आरोपी करार दिया। वहीं भाजपा का आरोप था कि किसी बड़े नाम को बचाने के लिए कोलकाता पुलिस ने संजय राय को बलि का बकरा बनाया है। लेकिन केंद्रीय संस्था सीबीआई ने भी संजय राय पर ही सारे आरोप मढ़ते हुए अपना चार्जशीट जमा कर दिया है।

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