राज्य में SIR की प्रक्रिया के दौरान तीन BLO की मौत होने का आरोप लग चुका है। इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि SIR के काम के दबाव की वजह से कई BLO बीमार पड़कर अस्पतालों में इलाजरत हैं। ऐसी स्थिति में दो दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र लिखा था।
इस पत्र को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि राज्य के प्रशासनिक प्रमुख के तौर पर वह चुनाव आयोग को पत्र लिख सकती हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि आयोग, एक 'निष्पक्ष' संस्था के तौर पर, SIR प्रक्रिया में किसी भी समस्या का समाधान भी करेगा।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर पदभार संभालने की तीसरी सालगिरह के मौके पर राजभवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीवी आनंद बोस ने कहा, "SIR एक जरूरी प्रक्रिया है। निष्पक्ष चुनाव के लिए यह प्रक्रिया बहुत जरूरी है। लेकिन इस काम को करने में कोई गलती होती है तो राज्य के मुख्यमंत्री चुनाव आयोग को पत्र लिख सकती हैं। मुझे लगता है कि आयोग एक निष्पक्ष संस्था के तौर पर उस समस्या का समाधान करेगा।"
20 नवंबर को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने कहा, "ऐसे बिना किसी योजना के जबरदस्ती चलाए जाने वाले अभियान न सिर्फ जान को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि मतदाता सूची की वैधता को भी खत्म कर रहे हैं।" मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को तुरंत बंद करने की मांग करते हुए कहा कि अभियान में शामिल लोगों को सही प्रशिक्षण और हर तरह की मदद दी जानी चाहिए, और यह काम समय लेकर किया जाना चाहिए।
जिस दिन ममता बनर्जी ने यह पत्र लिखा था उसी दिन जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार इलाके में एक BLO की लाश मिली थी। परिवार ने दावा किया कि काम के ज्यादा दबाव होने की वजह से उसने आत्महत्या कर लिया। 22 नवंबर को नादिया के कृष्णानगर में रिंकू तरफदार (51) नामक एक BLO की लाश मिली थी।
उसकी लाश के पास भी एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था जिसमें उसने आयोग पर काम का ज्यादा दबाव डालने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग को पत्र लिखने की बात कर विपक्षी पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि उन्होंने राज्य की प्रशासनिक प्रमुख के तौर पर मुख्यमंत्री की सीट पर बैठकर एक संवैधानिक संस्था को बार-बार चुनौती दी है ... लेकिन इस सारी धमकी और दबाव का कोई नतीजा नहीं निकला।