मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कश्मीर में शहीद बंगाल के दोनों जवानों के परिजनों को दिया आश्वासन

आतंकवाद को खत्म करने के लिए दक्षिण अनंतनाग में भारतीय सेना ने एक अभियान चलाया था। उस समय दोनों पैरा-कमांडो (स्पेशल फोर्स) लापता हो गए थे। शुक्रवार को बर्फ से ढंके पहाड़ पर से उनका शव बरामद किया गया।

By Moumita Bhattacharya

Oct 11, 2025 17:22 IST

अनंतनाग में सैन्य अभियान के दौरान हिमस्खलन के बीच में पड़कर पश्चिम बंगाल के दो जवान शहीद हो गए हैं। इस घटना का शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने दोनों जवानों के परिवारों के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया है। शहीद जवानों में पलाश घोष (38) और सुजय घोष (28) शामिल हैं।

अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान के समय प्रतिकूल परिस्थिति और हिमस्खलन की घटना में हमारे बंगाल के दो साहसी पैरा-कमांडो के शहीद होने की घटना में मैं दुःखी हूं। उन्होंने शहीद जवानों की वीरता, निष्ठा और आत्मत्याग के लिए उन्हें सलाम किया है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, 'उनके शोक संतप्त परिवार और परिजनों के प्रति मेरी आंतरिक संवेदना है। दुःख की इस घड़ी में हमारी सरकार दोनों परिवारों को सभी प्रकार से मदद करेगी।'

बता दें, गत सोमवार (कोजगरी लक्ष्मी पूजा के दिन) आतंकवाद को खत्म करने के लिए दक्षिण अनंतनाग में भारतीय सेना ने एक अभियान चलाया था। उस समय दोनों पैरा-कमांडो (स्पेशल फोर्स) सुजय घोष और पलाश घोष दुर्भाग्यजनक रूप से लापता हो गए थे। शुक्रवार को बर्फ से ढंके पहाड़ पर से उनका शव बरामद किया गया।

पलाश घोष मुर्शिदाबाद जिले के हरिहरपाड़ा थानांतर्गत रुकुनपुर पंचायत के बलरामपाड़ा के निवासी हैं। वह वर्ष 2008 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। वह अपने पीछे वृद्ध माता-पिता, पत्नी और 7 व 4 साल की दो बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। बताया जाता है कि शनिवार को ही उनके गांव में उनका पार्थिव शव लाया जाएगा।

दूसरी तरफ सुजय घोष के पिता पेशे से किसान हैं। वह साल 2018 में सेना में शामिल हुए थे। पिछले लगभग 1 साल से वह कश्मीर में तैनात थे। वह वीरभूम के रहने वाले थे। बताया जाता है कि शनिवार को उनका शव भी वीरभूम लाया जा सकता है। दोनों शहीदों के घर व गांव में इस समय शोक का माहौल बना हुआ है।

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