मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जापान की यूनिवर्सिटी ने दी D.Litt. की मानद उपाधि

ओकायामा यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट नासू यासूतोमो ने कोलकाता आकर कहा, 'आम जनता के साथ ही महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा के विकास को लेकर ममता बनर्जी ने काफी काम किया है।'

By Snehasis Neogi, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 13, 2025 12:42 IST

जापान की ओकायामा यूनिवर्सिटी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को D.Litt. (डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर) की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। वह एशिया की पहली महिला हैं, जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया है। ओकायामा यूनिवर्सिटी (Okayama University) के प्रेसिडेंट नासू यासूतोमो ने कोलकाता आकर ममता बनर्जी को यह उपाधि प्रदान की है। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'आम जनता के साथ ही महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा के विकास को लेकर ममता बनर्जी ने काफी काम किया है।'

गौरतलब है कि इस साल फरवरी में कोलकाता ग्लोबल बिजनेस समिट में जापान की इस यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ था। उसके बाद ही ममता बनर्जी को यह उपाधि देने की घोषणा की गयी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जापानी यूनिवर्सिटी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा, 'जापान के साथ बंगाल का रिश्ता काफी पुराना है। स्वतंत्रता से पहले रासबिहारी बसु और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जापान गए थे। रवींद्रनाथ टैगोर के साथ भी जापानी संस्कृति के संबंधों की बात सभी जानते हैं।'

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि जापान की कई कंपनियां जैसे मित्सुबिशी और हिताची भारत में काम भी करती हैं। इसके अलावा राज्य की टेक्नीकल संस्थान वेबल भी जापानी कंपनी के साथ संयुक्त रूप से काम कर रही है।

नासू यासूतोमो ने अपने बयान में कहा कि फरवरी में BGBS में हिस्सा लेने का मौका मिला था। सामाजिक सुरक्षा, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधित विभिन्न जनहित परियोजनाओं को ममता बनर्जी ने शुरू किया है। मुख्यमंत्री को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सम्मान मिल चुका है। उनकी इस लिडरशिप के लिए ही ओकायामा यूनिवर्सिटी ने पहली बार एक एशियाई महिला को D.Litt. की मानद उपाधि प्रदान करने का फैसला लिया है।

ममता बनर्जी ने बताया कि मई में जापान से एक आमंत्रण पत्र मुझे भेजा गया था लेकिन इस साल मैं नहीं जा सकूंगी। इस बात की जानकारी मैंने दे दी थी। तब मुझसे बताया गया था कि अगर मैं नहीं जा सकी तो वे यहां आएंगे। इसके बाद भी क्या उन्हें मैं टाल सकती थी!

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