राज्य में एक ओर SIR की प्रक्रिया चल रही है। ऐसी स्थिति में मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने नए नियम लागू किया है। इस साल 27 अक्तूबर की रात से ही पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची को फ्रिज कर दिया गया है। इस वजह से अब मतदाता सूची में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। लेकिन 9 दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा (Draft) जारी होने के बाद फॉर्म नंबर 6 और फॉर्म नंबर 8 के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
किसलिए भरे जाते हैं दोनों फॉर्म?
फॉर्म नंबर 6 : मतदाता सूची में नए मतदाताओं का नाम जोड़ने के लिए यह फॉर्म भरा जाता है।
फॉर्म नंबर 7 : मतदाता सूची से नाम काटने के लिए यह फॉर्म भरा जाता है।
फॉर्म नंबर 8 : वोटर कार्ड में किसी प्रकार के संशोधन के लिए यह फॉर्म भरा जाता है। मुख्य रूप से पता में परिवर्तन, नाम की स्पेलिंग में गलती होने पर उसे बदलवाने के लिए यह फॉर्म भरना पड़ता है।
क्या है चुनाव आयोग का नया नियम?
गुरुवार को चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर कोई मतदाता ऑनलाइन फॉर्म नंबर 6 भरता है तो उसके लिए आधार कार्ड आधारित ई-हस्ताक्षर अनिवार्य होगा। इसके ठीक अगले दिन यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि फॉर्म नंबर 7 और 9 के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा।
शुक्रवार को इस बारे में राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार अगरवाल ने बताया कि ECI की ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से तीनों में से कोई भी फॉर्म भरते समय आधार कार्ड आधारित ई-हस्ताक्षर का होना अनिवार्य है। चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया है कि ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करते समय 'ई-हस्ताक्षर' की जरूरत होती है, इसलिए आधार कार्ड की जानकारियों के साथ जो OTP आपके मोबाइल पर आएगा, उसे वेरिएफाई करने के बाद ही अगले चरण पर जा सकते हैं।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फॉर्म नंबर 6 के बाद अब फॉर्म नंबर 7 और 8 के लिए भी आधार कार्ड पर भी चुनाव आयोग ने भरोसा जताया है। दावा किया जा रहा है कि ऑनलाइन पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ही आयोग ने अब आधार को अपना हथियार बनाया है।