आख़िरकार सर्दी ने अपना अस्तित्व जताना शुरू कर दिया। बंगाल की खाड़ी से बने चक्रवात और बादलों की बाधा हटते ही देश के उत्तर–पश्चिम दिशा से आने वाली ठंडी और सूखी ‘उत्तरी’ हवाओं की रफ्तार अब बिना किसी रुकावट के चल पड़ी है।
डॉक्टरों ने पहले ही ‘सीजन चेंज’ को लेकर सावधानी बरतने की सलाह जारी करनी शुरू कर दी है। और ऐसे ही माहौल में मौसम विभाग ने इस मौसम में पहली बार राजस्थान और उत्तर–पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर जैसी स्थिति बनने की घोषणा की है।
197 दिन बाद कोलकाता में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे
पिछले 29 अप्रैल, यानी पूरे 197 दिन बाद, कोलकाता में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे उतर आया। शनिवार की देर रात शहर का तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 29 अप्रैल को भी यही तापमान दर्ज हुआ था।
नदिया के कृष्णनगर, सॉल्टलेक, दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप, पूर्व मेदिनीपुर के कांथी और झाड़ग्राम — इन पांच जगहों को छोड़कर दक्षिण बंगाल के बाकी 15 जिलों के सभी वेदर स्टेशनों पर शनिवार रात करीब तीन बजे (कैलेंडर के अनुसार रविवार) तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया।
उत्तरी बंगाल में भी बालुरघाट को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया।
राज्य में सबसे ठंडा दार्जिलिंग
रविवार को अलीपुर मौसम विभाग की जारी रिपोर्ट में दिखा कि इस दिन राज्य में सबसे ठंडा स्थान दार्जिलिंग (11 डिग्री) रहा। दक्षिण बंगाल में सबसे ठंडी जगह श्रीनिकेतन (14.5 डिग्री) थी। इसके बाद बांकुड़ा (14.9) और पुरुलिया (15) का स्थान रहा।
मौसम विशेषज्ञ रवींद्र गोयंका ने बताया कि अगले चार–पांच दिन बंगाल में इसी तरह तापमान में गिरावट बनी रहेगी। दिन और रात दोनों का तापमान लगातार घटता रहेगा।
मानसून के लंबे मौसम के बाद अब सर्दी का इंतज़ार
इस साल बंगाल में जून में शुरू हुआ मानसून अक्टूबर तक बना रहा। लगातार पांच महीनों की बारिश से परेशान राज्यवासी दुर्गापूजा के बाद से ही सर्दी की प्रतीक्षा करने लगे थे।
अक्टूबर में कश्मीर में इस मौसम की पहली बर्फबारी के बाद सर्दी के आने की उम्मीद काफी बढ़ गई थी। तो क्या अब लेप–कंबल धूप में देने का समय आ गया है?
अभी बहुत ज्यादा ठंड की उम्मीद नहीं
मौसम विशेषज्ञ अभी इतनी जल्दी ज्यादा ठंड की उम्मीद नहीं जता रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाले एक हफ्ते तक बंगाल के लगभग सभी हिस्सों में तापमान में गिरावट की संभावना अधिक है।
दरअसल, उत्तर–पश्चिम से आने वाली ठंडी और सूखी हवाओं के प्रवाह पर ही बंगाल की सर्दी निर्भर करती है। इसलिए अभी बहुत आगे की स्थिति पर टिप्पणी करने से विशेषज्ञ बच रहे हैं।
हालांकि वे यह भी बता रहे हैं कि कोलकाता में ‘जमकर’ ठंड आमतौर पर दिसंबर में पड़ती है। लेकिन बांकुड़ा, पुरुलिया, बीरभूम, पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जैसे राज्य के पश्चिमी जिलों में इससे पहले ही हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ जाती है।
उत्तर और मध्य भारत में भी बढ़ रहा है ठंड का असर
मौसम विभाग ने बताया है कि सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि उत्तर और मध्य भारत के विस्तृत इलाकों में भी तेज़ी से मौसम में बदलाव आने वाला है।
कई जगहों पर सर्दी पहले ही आ चुकी है। बाकी क्षेत्रों में भी सर्दी की मौजूदगी अब केवल समय की बात है।
राजस्थान के पूर्वी हिस्से, मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग और पंजाब व हरियाणा के कई इलाकों में इस हफ्ते रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की संभावना है।
साथ ही, कुछ जगहों पर रात का तापमान सामान्य से 4 से 7 डिग्री सेल्सियस तक नीचे रहेगा।
देश के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा — आगरा
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को देश के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा स्थान आगरा रहा। यहां भारतीय सेना के वायुसेना अड्डे पर रात का तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। 24 घंटे बाद यानी शनिवार देर रात मध्य प्रदेश के इंदौर और राजगढ़ में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
लगातार दो दिनों तक उत्तर भारत के मैदानों और मध्य भारत के पठारी इलाकों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने से यह साफ हो गया है कि उत्तर, उत्तर–पश्चिम और मध्य भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड की शुरुआत हो चुकी है।
अब मौसम वैज्ञानिकों की नजर इस पर टिकी है कि उत्तर–पश्चिम की ठंडी हवाओं को उत्तर और मध्य भारत पार करके बंगाल तक पहुंचने में कितना समय लगता है — और यही इंतज़ार राज्यवासियों का भी है।