पिछले कुछ सालों से रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर में छठ पूजा होने पर वहां का पानी प्रदूषित होने, मछलियों के मर जाने और आसपास गंदगी फैलने से संबंधित कई शिकायतें सामने आयी है। पर्यावरणविदों की शिकायतों और जल प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले कुछ सालों से इन दोनों सरोवरों में छठ पूजा पर राज्य प्रशासन की ओर से रोक लगा दी जाती थी। पर क्या इस साल दोनों सरोवरों में छठ पूजा होगी? या इस साल भी यहां छठ पूजा करने पर रोक लगी रहेगी? अगर हां, तो कौन से विकल्प उपलब्ध होंगे?
आइए जान लेते हैं -
रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर में प्रदूषण न फैले, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने इस साल भी छठ पूजा के दिन दोनों सरोवरों के दरवाजों को आम लोगों लिए बंद रखने का फैसला लिया है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों सरोवरों की देखरेख के लिए जिम्मेदार केएमडीए (KMDA) की ओर से जल्द ही इस बाबत विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी।
इसके साथ ही बताया जाता है कि कोई भी जबरदस्ती दोनों सरोवर परिसर में प्रवेश न कर सकें, इसे सुनिश्चित करने के लिए कुल मिलाकर करीब 300 पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही डेप्यूटी कमिश्नर स्तर के दो अधिकारी भी इनकी निगरानी करेंगे।
बता दें, राष्ट्रीय पर्यावरण अदालत के आदेश पर पिछले कई सालों से सुभाष और रवींद्र सरोवर में छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी जाती है। लेकिन साल 2022 में इस आदेश का उल्लंघन कर कुछ लोगों ने जबरदस्ती सरोवर परिसर में प्रवेश किया था। हालांकि इस तरह की घटना फिर से नहीं दोहराई गयी थी लेकिन प्रशासन अपनी तत्परता में कोई चुक नहीं रखना चाहता है।
क्या होंगे विकल्प?
दोनों सरोवर तो बंद रहेंगे लेकिन छठव्रतियों को पूजा करने में कोई परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की तरफ से आसपास के तालाबों में सारी व्यवस्थाएं की जा रही है। बताया जाता है कि केएमडीए कोलकाता में 39 अस्थायी छठ घाट बनाने वाली है। सुभाष सरोवर से सटे इलाकों में वैकल्पिक घाट बनाने की जिम्मेदारी कोलकाता नगर निगम की है। वहीं केएमडीए रवींद्र सरोवर के आसपास वैकल्पिक छठ घाट बनाएगी। बताया जाता है कि घाटों के पास अस्थायी बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही परिधान बदलने के लिए स्थायी तंबू भी बनाएं जाएंगे।
प्रत्येक घाट पर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था रहेगी। पूजा खत्म होने के 5 घंटे के अंदर घाटों की सफाई की जिम्मेदारी केएमडीए ने केएमसी को सौंपी है। केएमडीए के अधिकारियों ने मेडिकल कैम्प, साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था आदि सभी मामलों में केएमसी को मदद करने का आश्वासन दिया है।
सिर्फ 2 घंटे फोड़े जाएंगे पटाखे
छठ पूजा के दिन सुबह में 6 से 8 बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गयी है। घाटों पर कोई भी अवैध पटाखे न फोड़ सकें और सिर्फ ग्रीन पटाखे ही फोड़े जाएं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लालबाजार के अधिकारियों से इसे सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार सिर्फ ग्रीन पटाखे ही फोड़े जाएं, इसका अनुरोध जताते हुए जागरूकता अभियान चलायी जाएगी। नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले लंबे समय से दोनों सरोवर को प्रदूषणमुक्त रखने के मामले में सक्रिय पर्यावरणविद सुमीता बंद्योपाध्याय ने उम्मीद जताते हुए कहा कि अब राष्ट्रीय पर्यावरण अदालत के आदेशों को मानने में शायद प्रशासन सफल होगी।