दीवाली (Diwali 2025) की रात को आसमान में पतले कागज से बने जगमगाते कंदील देखने में बड़े ही सु्न्दर लगते हैं। पटाखों और घरों को सजाने के लिए कई तरह की मोमबत्ती व दीयों के साथ-साथ दीवाली शॉपिंग की लिस्ट में ये कंदील (Sky lantern) भी जरूर होते हैं। लेकिन क्या इस साल दीवाली की रात को महानगर कोलकाता का आसमान सूना रहने वाला है? क्या इस साल कंदील (फानूस) जलाने पर पाबंदी लगा दी गयी है?
आइए जान लेते हैं -
आमतौर पर हर साल एयरपोर्ट (Kolkata Airport) से सटे इलाकों में कंदील छोड़ने की अनुमति नहीं होती है। ऐसा विमानों की आवाजाही में पायलट को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए ही किया जाता है। लेकिन इस साल कोलकाता भर में कंदील उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। बुधवार को इस बात की घोषणा धनधान्य ऑडिटोरियम में एक बैठक के दौरान पुलिस कमिश्नर (CP) मनोज वर्मा ने की।
उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से यह फैसला दीवाली की रात को होने वाले अग्निकांडों को रोकने के लिए ही लिया गया है। सीपी ने बताया कि महानगर भर में कहीं भी कंदील (फानूस) की बिक्री न हो, न ही इसे उड़ाया जाए, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए सभी थानों को खास निगरानी करने की हिदायत दी गयी है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह सभी थानों को दी गयी है। लाउडस्पीकर बजाने की समय सीमा, आवाजों वाले पटाखों को नियंत्रित करने से लेकर विसर्जन तक में सभी प्रकार के नियम-कानूनों के बारे में सभी पूजा आयोजकों को विस्तार से जानकारी दे दी गयी है। साथ ही उन्हें ग्रीन पटाखों के महत्व को भी समझाया गया है।
पूजा कमेटियों को ऐसे पटाखे बनाने वाली कंपनियों की सूची दी गयी है। बताया जाता है कि बहुमंजिली इमारतों के लिए अलग सुरक्षा निर्देश बनाए गए हैं, जिन्हें जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। प्रतिबंधित पटाखे कहीं भी न फोड़े जाए इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी पूजा आयोजकों से सीपी वर्मा ने खास तौर पर अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि काली पूजा पंडालों के पास पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे। किसी भी तरह की समस्या होने पर पूजा कमेटी स्थानीय थाना से संपर्क कर सकते हैं।
लालबाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक 2800 से अधिक कालीपूजा कमेटियों ने आवेदन किया है। 23 अक्तूबर तक प्रतिमाओं को विसर्जित कर देना होगा। इस बैठक में सीपी के साथ ही कोलकाता नगर निगम, दमकल व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे।