दिन के व्यस्त समय में जब लोग ऑफिस और काम के सिलसिले में घरों से बाहर निकलते हैं और हड़बड़ी में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं भी होती हैं। लेकिन हाल ही में जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में हुए खुलासे को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इस रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं दिन के व्यस्त समय में नहीं होती है। फिर कब होती है सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं?
कोलकाता में इस समय होती है सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
NCRB की साल 2023 की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि कोलकाता में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं दिन के व्यस्त समय (Peak Hour) के खत्म होने के तुरंत बाद होती है। सिर्फ इतना ही नहीं रात के समय भी कोलकाता में लोग व्यस्त समय के खत्म होने के ठीक तुरंत बाद ही दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं। TOI की मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2023 में 177 दुर्घटनाएं रात को 9 बजे से आधी रात के बीच में घटी थी। उसी तरह से दिन में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच में 150 दुर्घटनाएं हुई थी।
किस समय कितनी हुई दुर्घटनाएं?
साल 2023 की NCRB की रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक -
सुबह 6 से 9 बजे के बीच - 116 दुर्घटनाएं
सुबह 9 से दोपहर 12 बजे के बीच - 115 दुर्घटनाएं
दोपहर 12 से शाम 3 बजे के बीच - 150 दुर्घटनाएं
शाम 6 से रात 9 बजे के बीच - 114 दुर्घटनाएं
रात 9 से आधी रात के बीच - 177 दुर्घटनाएं
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के कई महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के मुकाबले कोलकाता कहीं ज्यादा सुरक्षित है। बताया जाता है कि साल 2023 में कोलकाता में कुल 1129 दुर्घटनाएं घटी थी, जिसमें 925 लोग घायल हो गए थे जबकि 204 लोगों की मौत हो गयी। दावा किया जा रहा है कि अन्य शहरों का आंकड़ा कोलकाता के मुकाबले कहीं ज्यादा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च में होली के समय, अप्रैल और अक्तूबर में दुर्गा पूजा व दिवाली के समय सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं दर्ज हुई।
साल 2023 में दूसरे शहरों का कैसा रहा हाल?
दिल्ली - 4880 घायल और 1457 मौत
मुंबई - 3958 घायल और 503 मौत
बेंगलुरु - 4162 घायल और 915 मौत
कैसे घट रही दुर्घटनाओं की संख्या?
मीडिया रिपोर्ट कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के हवाले से दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने 'सेफ ड्राइव सेव लाइफ' अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान को राज्य भर के सभी जिलों और महानगर कोलकाता में चलाया जाता है। ट्रैफिक पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि इस अभियान की बदौलत राज्य और कोलकाता के सभी नागरिकों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जाता है। खासतौर पर कैमरा आधारित निगरानी आदि दुर्घटनाओं को घटाने में मददगार साबित हो रहा है।