कोलकाता और आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों में जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के लिए 245 नए चार्जिंग प्वाएंट्स बनाने का फैसला लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार इन सभी चार्जिंग प्वाएंट्स को राज्य के अलग-अलग इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास के क्षेत्रों में बनाया जाएगा।
Times of India की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड (WBSEDCL) ने इस बाबत निविदा आमंत्रित किया है, जिसमें चार्जिंग प्वाएंट्स की सप्लाई, उनको इंस्टॉल करना, उनका संचालन करना आदि शामिल है। इस बारे में विद्युत विभाग के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सभी 245 चार्जिंग प्वाएंट्स के लिए जमीन राज्य सरकार ही देगी। सिर्फ इच्छुक कंपनियों को चार्जिंग प्वाएंट्स को अपने खर्च पर बनाना होगा। बदले में इससे होने वाली आय का कुछ प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को देना पड़ेगा।
कहां बनेंगे चार्जिंग प्वाएंट्स?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर की जिन जगहों को ईवी के चार्जिंग प्वाएंट्स के लिए चुना गया है, उनमें से 160 जगहें WBSEDCL की जमीन पर होंगी जबकि 42 चार्जिंग प्वाएंट्स वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड ( WBSEDCL) की भूमि पर बनाए जाएंगे। इसके अलावा 36 जगहें वेस्ट बंगाल टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (WBTDCL) की जमीन होगी और 11 राज्य सरकार की भूमि पर बैट्री चालित गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में करीब 100 ऐसे स्टेशन हैं, जिनमें से 5 न्यू टाउन इलाके में मौजूद हैं।
संभावना जतायी जा रही है कि साल 2030 तक पश्चिम बंगाल में करीब 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। इस वजह से चार्जिंग प्वाएंट की जरूरत भविष्य में निश्चित रूप से बढ़ने वाली है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चार्जिंग स्टेशन चलाने वाली कंपनी को दोहरा टैरिफ के तहत WBSEDCL से ₹5.5 (रात 11 से शाम को 5 बजे तक) और ₹6 (शाम को 5 से रात 11 बजे तक) प्रति यूनिट की दर से खरीदना पड़ेगा। इसके बदले में WBSEDCL को भी आय का कुछ हिस्सा चार्जिंग स्टेशनों से मिलेगा। वर्तमान में ₹5 प्रति यूनिट के रूप में हिस्सेदारी मिलती है।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटर फास्ट चार्जिंग सुविधा के लिए ₹18 प्रति यूनिट तक शुल्क वसूल सकते हैं।