बंगाल के खेल जगत में एक नया गौरव जुड़ गया है - एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी स्टेडियम। पिछले लंबे समय से बनायी जा रही योजना अब विवेकानंद युवा भारती हॉकी स्टेडियम (Vivekanada Yuva Bharati Hockey Stadium) के रूप में वास्तविकता के धरातल पर उतर चुकी है।
इसका निर्माण पूरा हो चुका है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 31वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (KIFF) के उद्घाटन मंच से ही हॉकी स्टेडियम का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इस मौके पर बंगाल के दिग्गज क्रिकेटर सौरव गांगुली भी मौजूद थे। ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली के साथ फीता काटकर स्टेडियम का उद्घाटन किया।
कितनी लागत और क्या है विशेषताएं?
मिली जानकारी के अनुसार इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हॉकी स्टेडियम के निर्माण की कुल लागत करीब लगभग ₹20 करोड़ बतायी जाती है। स्टेडियम की गैलरी में लगभग 22000 दर्शक एक साथ बैठकर हॉकी के किसी शानदार मैच का लुत्फ उठा सकेंगे। दावा किया जा रहा है कि इस स्टेडियम का निर्माण विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ, ऑस्ट्रेलिया की गुणवत्ता वाली गैलरी के साथ किया गया है।
गैलरी के अलावा यहां वार्म-अप जोन, दो ड्रेसिंग रूम, एक वीवीआईपी बॉक्स, दो वीआईपी बॉक्स, एक वीआईपी लाउंज, एक अंपायर और वीडियो अंपायर रूम, डोप टेस्टिंग और मेडिकल रूम, प्रसारण और वीडियो विश्लेषकों के लिए अलग कमरे, स्थल प्रबंधन केंद्र, प्रेस कॉर्नर आदि सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
माना जा रहा है कि यह बंगाल में सिर्फ एक स्टेडियम ही नहीं बल्कि एक नए युग का आरंभ करेगी।
मिला कैटेगरी 2 सर्टिफिकेट
फेडरेशन ने नए एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम को पहले ही 'श्रेणी 2' प्रमाणपत्र दे दिया है। इसका अर्थ है कि बंगाल में अब राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैचों तक का आयोजन किया जा सकेगा। कोलकाता का युवा भारती हॉकी स्टेडियम अब हर तरह के हॉकी टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए तैयार है। इस स्वीकृति की वैधता 13 दिसंबर 2027 तक है।
FHI के नियमों के अनुसार केवल 'श्रेणी 1' से अनुमोदित स्टेडियम में सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिताओं का आयोजन हो सकता है। इसका अगला चरण यानी 'श्रेणी 2' है, जिसे मंजूरी मिलने पर राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की अनुमति मिल जाएगी। बंगाल का नया एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम अब 'श्रेणी 2' सूची में शामिल हो गया है। अब तक भुवनेश्वर, रायपुर, रांची, चेन्नई और नई दिल्ली के हॉकी स्टेडियमों को यह मान्यता मिल चुकी है। अब उसी सूची में कोलकाता भी शामिल हो गया है।