कसबा लॉ कॉलेज में छात्रा से दुष्कर्म मामले में सुरक्षाकर्मी को जमानत दे दी गयी है। करीब 4 महीने बाद सुरक्षाकर्मी पिनाकी बंद्योपाध्याय की अलीपुर अदालत ने जमानत मंजूर की है। हालांकि इस मामले में अभी तक मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्र, जाइब अहमद और प्रमीत मुखर्जी जेल में बंद हैं।
गत 25 जून को कसबा के एक सरकारी लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। 27 जून को कसबा थाने में पीड़िता ने शिकायत दर्ज करवायी थी। इसके बाद कॉलेज के ही दो पूर्व थात्र और उस समय बतौर अनुबंधित कर्मी वहां काम करने वाले मनोजीत मिश्र और उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी पिनाकी को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार कर लिया था। आरोप है कि घटना वाले दिन कॉलेज के मुख्य द्वार को बंद कर पीड़िता छात्रा को सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में ही हॉकी स्टिक से पीटा गया था।
उस समय छात्रा के सिर पर भी चोट आयी थी। आरोप लगाया गया था पिनाकी उस समय ड्यूटी पर मौजूद थे। सब कुछ देखने-जानने के बावजूद उन्होंने छात्रा को बचाने की कोशिश नहीं की थी। इसके बाद ही जांच अधिकारियों के नजरों में पिनाकी आए और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। पिनाकी के वकील ने अदालत में पेश की अपनी दलील में कहा कि उनका मुवक्किल एक वेतनभोगी कर्मचारी है।
उनको इस तरह से रोक कर रखने का कोई मतलब नहीं है। सवाल उठाया गया कि जब पिनाकी को पता था कि उस दिन कमरे में क्या चल रहा है, तो उन्होंने किसी को बाद में इस बारे में कुछ क्यों नहीं कहा? क्यों थाना से संपर्क नहीं की? हालांकि इन सभी सवालों का जवाब अभी तक सामने नहीं आ सका है।
लेकिन मनोजीत और उसके साथियों का कॉलेज में काफी बोलबाला था। इस घटना के सामने आने के बाद ऐसे भी आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में ही अब पहली जमानत कॉलेज के सुरक्षाकर्मी को मिली है।