हाई कोर्ट ने तृणमूल के 'चाणक्य' कहलाने वाले मुकुल राय का विधायक पद किया रद्द

एक समय मुकुल राय को तृणमूल का 'चाणक्य' कहा जाता था। तृणमूल कांग्रेस के साथ वह शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं।

By Amit Chakraborty, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 13, 2025 17:26 IST

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुकुल राय का विधायक पद रद्द कर दिया है। वह कृष्णनगर उत्तर के विधायक थे। वर्ष 2021 में भाजपा की टिकट से चुनाव लड़कर मुकुल राय विधायक बने थे लेकिन अगले ही साल यानी 2022 में वह तृणमूल में वापस लौट आए थे। इसके बाद से ही उनके विधायक पद को लेकर सवाल उठ रहा था। संविधान के 10 नंबर अनुच्छेद के मुताबिक अगर कोई नेता पार्टी बदल लेता है तो उसका विधायक पद खारिज कर दिया जाता है। इस मामले में शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा के अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज करवायी थी।

आरोप लगा था कि विधानसभा स्पीकर ने विरोधी पार्टी के नेता का आवेदन खारिज कर मुकुल राय का विधायक पद बरकरार रखा था। इस बात को चुनौती देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट में मामला दायर किया। गुरुवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक और न्यायाधीश शब्बर रासीद की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया। इसके बाद अपने आधिकारिक X हैंडल पर शुभेंदु अधिकारी ने एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, 'राज्य में तो है ही, संभवतः देश के लिए भी यह एक ऐतिहासिक फैसला है।'

बतौर विधायक या सांसद ही नहीं बल्कि मुकुल राय हमेशा से ही अपनी सांगठनिक दूरदर्शिता के लिए प्रशंसित होते रहे हैं। एक समय उन्हें तृणमूल का 'चाणक्य' कहा जाता था। तृणमूल कांग्रेस के साथ वह शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं। वर्ष 2017 के नवंबर में वह भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद 2021 में भाजपा की टिकट पर कृष्णनगर उत्तर से उन्होंने चुनाव भी जीता। इस सीट पर तृणमूल ने कौशानी मुखर्जी को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि मुकुल राय के सामने उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा था।

लेकिन चुनाव जीतने के बाद से विधानसभा केंद्र में वह नजर ही नहीं आते हैं। यह आरोप उनके वोटरों ने ही लगाया है। इस सबके बीच सितंबर 2022 को मुकुल राय तृणमूल में वापस लौटे। इसके बाद उनके खिलाफ भाजपा ने कदम उठाया।

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