बिहार ने बनाया बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता - नरेंद्र मोदी बढ़ा रहे हैं प्रदेश भाजपा का उत्साह

प्रदेश भाजपा के एक नेता का कहना है कि जंगलराज को साफ करूंगा, सिर्फ दावा करने से कोई गंभीरता से नहीं लेगा। काम भी करके दिखाना होगा।

By Manipushpak Sengupta, Posted By : Moumita Bhattacharya

Nov 16, 2025 18:06 IST

बिहार में NDA की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रदेश भाजपा को स्पष्ट संदेश दिया है, 'बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता बिहार ने बना दिया है। भाजपाई भाई-बहनों को आश्वस्त करता हूं, पश्चिम बंगाल में भी जंगलराज को उखाड़ फेंक दूंगा।' लेकिन नमो के आश्वासन से क्या भाजपाई नेता व कार्यकर्ता संतुष्ट हो रहे हैं? क्योंकि केंद्र सरकार की भूमिका को लेकर उनके मन में पहले से ही कई तरह से सवाल दिखाई देते हैं।

हाल ही में तमलुक के भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली ने उन सवालों को और भी तेज बना दिया है। वर्तमान में अगर राज्य में विरोधी पार्टी की बात की जाए तो वाम को पीछे छोड़कर भाजपा बंगाल में तेजी से उभरी है और प्रधान विरोधी पार्टी की जगह ले चुकी है। इसके बावजूद भाजपा के अंदरुनी सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किसी भी राज्य में मुख्य विरोधी पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं में जो उत्साह देखा जाता है, प्रदेश भाजपा में वह जरा भी नजर नहीं आ रही है।

हालांकि भाजपा कार्यकर्ता इसकी वजह दिल्ली को ही मान रहे हैं। उनका आरोप है कि बंगाल की तृणमूल सरकार पर दबाव बनाने के कई मौके मिलने के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार ने उनका इस्तेमाल नहीं किया।

इस वजह से आम जनता को लगता है कि वामपंथियों द्वारा हमेशा किया जाने वाला 'सेटिंग' का दावा ही सच है। पिछले कुछ सालों में भाजपा नेताओं ने चहारदीवारी के अंदर भले ही इस बारे में चर्चाएं की हो लेकिन हाल ही अभिजीत गांगुली ने इन चर्चाओं को सबके सामने ला दिया है। केंद्रीय सरकार जिस तरीके से कदम उठाती है, उसे देखकर उन्हें लगता है कि दिल्ली बंगाल की राजनीतिक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं चाहती है।

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उनके इस दावे के बाद भाजपा के अंदर काफी हंगामा मच गया है। सिर्फ इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रमुख पत्रिका 'स्वस्तिका' के तीसरे संस्करण में इस बाबत एक निबंध भी प्रकाशित हुआ है। उसमें से भी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ केंद्र सरकार की भूमिका पर निशाना साधा गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन बातों की जानकारी नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी मिली है। प्रदेश भाजपा का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार को संदेह की नजरों से देख रहा है, यह बात भी अब उनसे छिपी नहीं रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इसी वजह से बिहार में जीत के बाद ही नरेंद्र मोदी ने बंगाल में भाजपा की जीत का हुंकार भरा है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि केंद्र सरकार और भाजपा की केंद्रीय नेता बंगाल को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। मोदी और शाह प्रदेश भाजपा के नेता-कार्यकर्ताओं के मन में इस बात को ही बैठाना चाहते हैं। क्योंकि अगर पार्टी के अंदर ही संदेह रहेगा तो तृणमूल के खिलाफ लड़ना संभव ही नहीं होगा।

हालांकि प्रदेश भाजपा के एक नेता का कहना है कि जंगलराज को साफ करूंगा, सिर्फ दावा करने से कोई गंभीरता से नहीं लेगा। काम भी करके दिखाना होगा। यानी ममता बनर्जी के अनैतिक कार्यों के खिलाफ मोदी सरकार को अब कदम भी उठाना पड़ेगा। ताकि बंगाल के लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं के मन से संदेह दूर हो सकें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो साल 2026 के विधानसभा चुनाव में बस आए-गए ही करना पड़ जाएगा।

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