रविवार को बेंगल सुपर लीग के प्रमोशन कार्यक्रम में आए थे जर्मनी के इस वर्ल्ड कप विजेता फुटबॉलर लोथर मथाउस। अंधकार में डूबे भारतीय फुटबॉल को चंगा करने की दी सलाह
भारतीय फुटबॉल का भविष्य अभी अंधकारमय है। अगले सीज़न में क्या वास्तव में ISL का आयोजन किया जा सकेगा, यह सवाल उठ रहा है। अब तक ISL के आयोजन के लिए किसी संस्था ने बोली नहीं लगाई है। इसलिए आने वाले फुटबॉल सीज़न के रद्द होने का खतरा प्रबल है। इस स्थिति से बाहर निकलने का तरीका जर्मनी के वर्ल्ड कप विजेता फुटबॉलर लोथर मथाउस ने बताया। रविवार को वह बंगाल सुपर लीग के प्रमोशन के एक इवेंट में आए। वहीं उन्होंने भारतीय फुटबॉल के अंधकार को खत्म करने के तरीके के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि सुधार के लिए क्लबों और खिलाड़ियों के साथ-साथ फ़ेडरेशन और सरकार को भी मिलकर आगे आना होगा।
भारतीय फुटबॉल की प्रगति के बारे में लोथर मथाउस ने क्या कहा ?
अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार खराब प्रदर्शन के कारण भारत फीफा रैंकिंग में लगातार पीछे धकेला जा रहा है लेकिन केवल किसी विशेष देश से कोच लाने भर से हालात बदल जाएंगे, यह गलतफहमी दूर करने की बात मथाउस ने कही। उन्होंने बताया कि यूरोप के विभिन्न फुटबॉल प्रमुख देशों से अनुभवी लोगों को लाकर काम में लगाया जा सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि बुंदेसलीगा के क्लबों ने इंग्लैंड, स्पेन, इटली जैसे विभिन्न देशों से कोच और कोचिंग स्टाफ लाकर सफलता पाई है।
लेकिन सबसे पहले उन्होंने सलाह दी कि संघ और सरकार को हाथ मिलाकर काम करना चाहिए। मैथाउस ने कहा, 'फुटबॉल ने मुझे बहुत कुछ दिया है। अब मैं फुटबॉल को कुछ वापस देना चाहता हूँ। भारत में लगभग 140 करोड़ लोग हैं। इनमें से 20 अच्छे फुटबॉलर खोजने होंगे। इसके लिए पूरे सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है। सबसे पहले जरूरत है कि ग्रामीण स्तर से, बहुत कम उम्र से ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाए। अच्छी कोचिंग बेहद महत्वपूर्ण है। संघ के साथ-साथ सरकार को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए। सभी मिलकर काम करें तभी संपूर्ण विकास संभव है।'